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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १०७ अजैन ७९ वेदोंका गुणस्थान ८० स्त्रीके संहनन १०६ गोत्र-व्यवस्था स्त्री की आगति गोत्र परिवर्तन स्त्रीको अप्राप्य १०८ गोत्रके दि० पाठ स्त्री आचार्य, अबला (जाति कल्पना) स्त्रीकी उत्कृष्ट गति शुद्र-जिनपूजा (गति-आगति) शुद्र दीक्षा-मुक्ति प्रमाण (अध्यवसाय वैचित्र्य) फिर मना क्यों! ९६ स्त्री विज्ञान ११६ बाहुबली-अनार्य ९७ स्त्री-जिनपूजा आर्य भूमि में म्लेच्छ ९७ स्त्री मुनिदीक्षा स्त्री मुक्ति ९८ स्त्री दीक्षा योग्यता स्त्री की त्रुटियां (४ अनुयोग-पाठ) स्त्री के दूषण ९९ (अनुसंधान-पाठ) (प्रस्ता०१२) अभेदता १०० फिर मना क्यों! द्रव्य-वेद (नो कर्म) १०० जैन-विशालता वेदों का परावर्तन १०२ नपुंसक-मुक्ति १३६ समाप्त. १३५ १३५ श्वेताम्बर-दिगम्बर भाग दूसरे की अनुक्रमणिका केवली अधिकार नो कर्म-आहार (छै आहार) ११ प्रश्नका उत्थान कवलाहार उदय प्रकृति १२२ ज्ञानावरणीय-भूख केवली कर्मप्रकृति दर्शनावरणीय-भूख (कर्म शक्ति) (असंक्रमण) मोहनीय-भूख वेदनीय कर्म प्रमाद-भूख (ग्यारह परिषह) आहारक अठारह दूषण अंतराय-भूख (निरीह भाव-प्रवृत्ति पसीना For Private And Personal Use Only
SR No.020729
Book TitleShvetambar Digamber Part 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay
PublisherMafatlal Manekchand Shah
Publication Year1943
Total Pages290
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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