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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ स सिंह लि-श्री० क्रीड़ा स्त्री० खेल वास- नगर प्रबंधक पु० कोतवाला उपस ()-वि. शुद्ध वि० खालिस; आयु-२० मछुवा पु. -न. प्रपंच पु० फरेब शवाणा-स्त्री. सिंह या घोड़े की गर्दन ॥२- अनाव भरने का भांडार पुल के बाल पु० -५० पेट, मन, मोटा कुंआ पु० सरिया-वि० जूझकर लड़ना वि० ।-पु. चाव पु० दिलचस्पी सरिय-वि० केसरिया पु० जाफरानी यु-10 सिकोरा पु० सरी-वि० केसरिया वि० जाफ़रानी; 1-स्त्री० बीसकी संख्या; कौड़ी स्त्री० -स्त्री. कोढ़ रोग पु०; पशुशाला सू।-पु. एक पौधा पु० तर-1० जमीन या पर्वतका गहरा ३१९||-स्त्री. शिक्षण पु. तालीम खड्डा पु. -स० [६० शिक्षण लेना . त२) म-स०० खुदाई का काम स० क्रि० तालीम लेना क्रि० नक्काशी थी-खी० कतरनी स्त्री० कैंची तर'-स० [६. कुरेदना स० क्रि०; -न• मुख्य स्थान पु० सदर मुकाम पच्चीकारी करना हैतम-10 धोखा पु० दगा ५- क्रोध पु० गुस्सा; आफत 15.-स्त्री० सूतकी कुकड़ी स्त्री० १५२५रास-न ताँबे-पीतल की मिश्रितः -न० उलझा हुआ काम पु० धातु स्त्री० ११४२१२६-वि० हल्का गर्म वि० १ ५-4.6. कोप करना अ.क्रि. मणियु-न विशूचिका पु. हैजा गुस्सा करना आय-पु. सुखासन पु. श्राराम कुर्सी 34-स्त्री. जाति स्त्री० कौम आयतु-न० कठोर छिलका पु० म य (1)-वि० कोमल पु• नरम:आय-स•ि मताना स० क्रि० दयावान तकलीफ देना यसी-पु. कोयला पु. डाट-५• दुर्गका परकोटा पु० क्रिलेकी २-स्त्री. किनार स्त्री० दीवाल १२-पु. कोड़ा पु० चाबुक; जुल्म टी-स्त्री० कोठरी स्त्री० २९५- स्त्री० पाश्व पु० पहलू j-10-कठोर छिलका पु० डर-. रुक्ष पु० सूखा; कोर। For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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