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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [३२ सामा-पु. समुद्रमें दूरतक गया हुआ" यूटयु-१०० पीटना स. क्रि० भूखंड पु० ___ मरने पर छाती पीटना दुस-५० कुंभकार पु• कुम्हारट - क्षुधित पु० भूखा मुगिना-स्त्री. कुलीन स्त्री स्त्री०५-० वंचकता स्त्री० ठगाई; हर्ज खानदानी औरत -वि० कोमल वि० नरम तीन-१० उच्चवंशी वि० खानदानी इयती-स्त्री. निन्दा स्त्री० बदगोई सुम-न० फूल पु• गुल ३६-4050 कूदना अ• क्रि० ४२ती-स्त्री० मल्लयुद्ध पु० कुश्तीम -वि० कुब्न पु० कुष्का उहाडी-स्त्री० कुल्हानी स्त्री० अणु-10 कुंडाला पु० पुण-पु. चुंगी वसूल करनेवाला -स्त्री० पूड़ी स्त्री० सरकारी मेहता पु० -१० घासका ढेर पु. १२-० हाथी पु. पील -स्त्री. किसलय पु० को पल मुगरा-म०कि. जी जलना अ० कि०. तन-वि• उपकार भूलने वाला पु. - सुराही स्त्री० कूजा एहसान फरामोश 33-पु. टांका पु० हौज कृत-वि० श्राभारी वि० एहसानमन्द 1-पु० लकड़ीका बोटा पु० कुन्दा; अति-स्त्री. रचना स्त्री. बनावट त्रिम-वि० बनावटी वि. नकली १२-५० पुत्र पु० बेटा ; कुंवार। पशु-वि० कंजूस वि०; सूम तड़का पा-स्त्री. दया स्त्री. रहम पा२।-स्त्री० कुमारी स्त्री० दोशीचा पुषि-स्त्री. खेती श्री० काश्त दुस-स्त्री. कुक्कुटी स्त्री० मुर्गी वीस-पु. किसान पु० काश्तकार २४२री-बी०खुखरी ( गोरखों की एक ३४२-पि. बाँकी आँखवाला वि. भंगा तलवार ) स्त्री० ३ -स्त्री. कटि स्त्री० कमर । ५-स्त्री. गर्भ पु. कोख -स्त्री. पगडंडी स्त्री० डगर 4-स्त्री. प्रस्थान पु० कूच, गुप्त बात : ३६-वि० कारावास पु० कैदखाना फूट-२० गुम्फित वि० उलझा हुआ; ही-वि. बन्दी वि० कैदी; अ० कभी - • नशा पु० दूरभानु-10 वेश्यागृह पु० १२-० सर्वनाश पु० पायमाली दगा For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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