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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सप्तराव । ७२१ ) सफेदी सप्तराव-पु. [सं०] गरुड़ की प्रमुख सन्तानों में से एक। सफळ (ल)-पु० शस्त्र । -वि० [सं० सफल] १ सार्थक, सप्तसागरदान-पु. सात पात्रों मे घी, दूध, मधु, दही आदि कामयाब । २ उत्तीर्ण । ३ पूर्ण । ४ फलयुक्त, फलवाला। रखकर ब्राह्मणों को देने का एक दान। ५ फैलने वाला, बढ़ने वाला । ६ धारदार, नुकीला । सप्तसूरघ-पु० [सं० सप्तसूर्य] सात ग्रहों का एक समूह विशेष । ७ पानंदपूर्वक । . सप्तसुर, सप्तस्वर-पु० [सं० सप्तस्वर] संगीत में सरगम के | सफळरणो (बो), सफलणी (बी)-क्रि० सफल होना, सफलीभूत सात स्वर। होना। सप्तात्मा-पु० [सं०] ब्रह्मा का एक नाम । सफळता-स्त्री० १ कामयाबी, उद्देश्य सिद्धि । २ पूर्णता । सप्ताळू-पु. एक रंग विशेष। सफळाइग्यारस (एकादसी)-स्त्री० [सं० सफलाएकादशी] पौष सप्तास. सप्तासव, सप्तास्व-पु० [सं० सप्ताश्व] १ सूर्य, रवि । कृष्णा एकादशी। २ रैवत मन्वन्तर के एक सप्तर्षि । ३ सूर्य के रथ के सात | सफळी (लो)-देखो 'सफळ' । घोड़े या सात मुख वाला घोड़ा। सका-वि० १ बिल्कुल, कतई । २ साफ, स्पष्ट । ३ निर्मल, सप्ताह-पु० [सं० सप्त-महन्] १ सात दिनों का समूह या | पवित्र । ४ स्वच्छ । ५ चिकना, बराबर । ६ खाली, रिक्त । अवधि । २ रविवार से शनिवार तक का समय । ३ सात ७ स्वास्थ्य, तन्दुरुस्ती। ८ मिटा हुआ, लुप्त । दिनों का अनुष्ठान, कीर्तन या कथा । सफाई-स्त्री. १ स्वच्छता, निर्मलता । २ बिल्कुल, कतई। सप्तधा-पु० [सं०] भगवान् विष्णु का एक नाम । ३ मैला या कूड़ा हटाने की क्रिया । ४ कुटिलता का सप्पणी-देखो 'सरपणी' । । प्रभाव । ५ स्पष्टता । ६ साफ होने की अवस्था सप्पनपाट सप्पमपाट-वि० १ साफ, समतल । २ नाश, संहार। , या भाव। । ३ दरिद्र, निर्धन । ४ मूर्ख, अज्ञानी। सफाखांनो, सफाखांनो-पु० [अ० शफा+फा० खाना] चिकित्सा'सप्रद-पु० [सं० क्षिप्र] वेग ।-क्रि० वि० शीघ्र, जल्दी। लय, अस्पताल । सप्रवीत-वि०१पवित्र, उत्तम । २ श्रेष्ठ ।-पु० एक वरिषक छद सफाचट-वि० १एकदम स्वच्छ, बिल्कुल साफ । २ बिल्कुल विशेष । खाली, रिक्त । ३ स्निग्ध, चिकना । ४ समतल, सपाट । सप्रस-पु० सूर्य, सूरज । ५ जिसका कोई अंश शेष न हो। सप्रसम-वि० खुश, प्रसन्न । सफायो-पु० १ नाश, सहाए । २ खत्म, समाप्त । सारण (गो)-वि० [सं० सप्राण] बलवान, शक्तिशाली। सफीट (8)-वि० साफ, चिकना। सप्रीत-वि०१ सस्नेह, प्रेम सहित, सप्रेम । २ हर्ष, प्रानन्द, खुशी। सफील-स्त्री० १ परकोटा, प्राचीर । २ दीवार । सप्रेखणी (बी)-क्रि० [सं० संप्रेक्षणम्] १ देखना। २ निरीक्षण सफुब्बी-स्त्री० बादशाह की पुत्री, शाहजादी। करना। सफ-पु० १ पंक्ति, कतार । [स० सफः] २ क्षुर, टाप । सफेत, सफेद-वि० [फा० सफेद] १ श्वेत, धवल । २ स्वच्छ, सफक-स्त्री० [अ० शफक] सूर्योदय या सूर्यास्त के समय की साफ । ३ निष्प्रभ, निस्तेज, कांतिहीन । ४ जिस पर कुछ लालिमा। न लिखा हो, कोरा । सफकत-स्त्री० [मशफकत] १ अनुग्रह, मेहरबानी । २ प्रेम, सफेदयजनो-पु. एक प्रकार का घोड़ा। मुहब्बत। सफेदपोस-वि० [फा० सफेद-पोश] स्वच्छ कपड़े पहनने वाला। सफर-वि० भयंकर, घोर ।-पु० [अ०] १ इस्लामी सन् का सफेदहाथी-पु० भद्र जाति का एक हाथी विशेष । दूसरा महीना । २ यात्रा, प्रवास । ३ देखो 'सफरी'। । सफेदाई-स्त्री. श्वेतता, सफेदो । सफरजंग-पु० १ भयकर युद्ध, घोर संग्राम। २ शतरंज से सफेदी-स्त्री० १ वृद्धावस्था, बुढ़ापा । २ श्वेतता, धवलता। मिलता-जुलता एक खेल । ३ भय, भातक या चिन्ता के कारण चेहरे या शरीर पर सफरा-देखो "सिप्रा'। पानेवाली निस्तेजता । ४ मकान प्रादि की चूने स पुताई। सफरारो-पु० बलि के लिये खिला-पिला कर तैयार किया गया | सफेदी-पु. १ श्वेत-प्रदर नामक एक स्त्री-रोग विशेष । २ इसके बकरा। कारण योनि से गिरने वाला द्रव । ३ जस्ते का,पूर्ण जो सफरिम-वि० वीर, बहादुर । प्रौषधि प्रादि में काम पाता है । ४ मकान की पुताई में सफरी-स्त्री० मछली। काम पाने वाली सफेद मिट्टी । ५ जूते प्रादि बनाने का सफरीपति-पु० मगरमच्छ । सफेद चमड़ा । ६ सफेद तने का वृक्ष विशेष । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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