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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra सफे सर्फ - स्त्री० १ सफलता वृद्धि, सम्पन्नता । २ तन्दुरुस्ती । सपफळिची पृ० हिन्दवानी नामक फल का छोटा खण्ड । सर्वग्रह देखो 'सरबंगो' । सबध-देखो 'संबंध' www. kobatirth.org ( ७२२ ) सब - वि० १ समस्त, कुल २ अवधि, मात्रा, विस्तार प्रादि के विचार से कुल सर्व सम्पूर्ण स्त्री० [फा० सब] रात रात्रि । से पशु का बीमार होना । सखी, सबखो-वि० ( स्त्रो० सबखी ) १ सरल, आसान २ छोटा ३ उपयुक्त धनुकूल । ४ सुगम । ५ पाचरण शील ६ बुद्धिमान, समझदार । समक० [फा०] [१] वह अंग जो एक बार में पढ़ाया जा सके, सबधी पु० १ कवि २ यश कीर्ति निर्गुण भक्ति सबंधी पाठ २ नसीहत, शिक्षा पद, भजन । ४ राजस्थानी के गेयात्मक छन्द Hasit - (ब) कि० धूप या गर्म जगह पर अधिक बंधा रहने सब देखो 'बद'। सबड़, सबड़, सबहक, सबड़क सबड़को, सबड़को- पु० [ चतु० ] १ किसी गाढ़े या द्रव पदार्थ को हाथ से खाने या चाटने से उत्पन्न सड-सड़ ध्वनि । २ इस तरह खाने की क्रिया । ३ इस तरह से एक बार में खाये जाने वाले पदार्थ की मात्रा । सबछी - वि० [सं० स वत्सा ] बछड़े या बछिया सहित । समज - वि० [० [फा० सब्ज] १ हरा । २ उत्तम श्रेष्ठ । स्त्री० भांग, भंग ।-पु० एक रंग विशेष का घोड़ा । सबजी-देखो 'सब्जी | समज, सबजज-देखो 'सबज' । शबति, सबती-देखो 'सक्ती' । समय पु० [सं० शब्द ] १ भावाज ध्वनि २ बोली के संयोग से कठ व तालू प्रादि मे उच्चरित होने वाली सार्थक sवनि, शब्द | ४ लिखे जाने वाला वर या वर्ण समूह जिसका कोई निश्चित धर्थ हो । ५ वचन । ६ उपदेश । ७ सुषश, कीर्ति । निर्गुण भक्ति संबंधी कोई पद । ९ छप्पय छन्द का एक भेद । १० दो लघु के गरण के दूसरे भेद का नाम । -गुर, गुरु, गुरु-पु० उपदेश देकर शिष्य या धनुवायी बनाने वाला साधु व्यक्ति १० कान । - - बेध, बेधी पु० मर्जुन । राजा दशरथ । सम्राट पृथ्वी राज चौहान - वि० ध्वनि पर सही निशाना मारने वाला । - बोध-पु० प्रक्षर ज्ञान, सुनने से प्राप्त होने वाला ज्ञान । -भेद, भेवी 'सबदबेध' ।- वेध, वेधी 'सबदबेध' | स० [सं०] १ वेद २ सृष्टिको रचना करने वाला, ब्रह्मा । ३ धोंकार, प्रणव । ४ कुंडलिनी से ऊपर उठने वाले नाद का वह रूप जो निरुपाधि दशा में रहता है। (योग) सबदकत ( सकति, सकती, सक्ति सगत, सगति, सगती-स्त्री० Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [सं० शब्द-शक्ति ] शब्द की प्रर्थ बोधक शक्ति जो तीन प्रकार की मानी गई है-प्रभिधा, लक्षरणा, व्यंजना । सबदसाधन पु० [सं० शब्द साधन] व्याकरण का वह अंग जिसमें शब्दों की व्युत्पत्ति, रूपान्तरण प्रादि का विवेचन हो । सबदाडंबर-पुं० [सं० शब्दावर] साधारण बात कहने के लिये जटिल एवं निरर्थक शब्दों का प्रयोग शब्द जाल सवनीपर पु० साबुन बनाने वाला। सबाब सबब १० [०] १ कारण वह हेतु २ द्वार३ साधन । सरात पु० [०] मुसलमानों का एक पवित्र त्यौहार समय पु० [सं० सबवस] १ मित्र दोस्त सखा २ शिव ३ हाथ । ४ जल । ५ पतिव्रता स्त्री । सबर - देखो 'सब' । 1 सरित पु० [सं०] सर्वतः] श्रीकृष्ण। सबरी स्त्री० [सं०] शबरी ] १ श्रवरणा नामक शबर जानि की स्त्री जो श्रीराम की भक्त थी, भोलनी । २ शबर जाति की कोई स्त्री । सबळ पु० [सं०] शवस] १ सुमेरु पर्वत २ वायु, पवन ३ घोड़ा, प्रश्व । ४ बलराम, बलभद्र । ५ भीम. वृकोदर । ६ एक नाग का नाम। ७ घी, घृत । ८ सप्त ऋषियों में से एक । वि० १ बलवान, शक्तिशाली । २ पराक्रमी, वीर । ३ बड़ा, विशाल 1 ४ भयकर, भीषण, जोरदार । ५ प्रचड ६ गहरा, घना । ७ सब समस्त । महान्, बडा । ९ गूढ, जटिल, दुरूह । १० चितकबरा । ११ ज्यादा, अत्यधिक । १२ कठिन, मुश्किल १३ दृढ़, मजबूत । १४ तेज प्रकाश युक्त १५ बच्छा, बढ़िया । सबळवळगाहणी - पु० योद्धा, सिपाहो । सबळवाय पु० नेत्रों का एक रोग विशेष । सबळा, सबद्धि, सबळी -स्त्री० [सं० शबल. शबली, सबलि: ] १ सायंकाल संध्या । २ कामधेनु गाय ३ चितकबरी गाय । ४ एक प्रकार का धन्न । ५ वसिष्ठ की गाय का नाम । ६ देखो 'सबळ' | सबळी- देखो 'सबळ' | For Private And Personal Use Only सबळ समाज पु० [प० सवाब, असबाब, शबाब ] १ सत्कर्म करने पर परलोक में मिलने वाला पुण्यफल। २ सामान, सामग्री । ३ युद्ध, सामग्री । ४ युवावस्था, योवन । 2 सौन्दर्य । ६ हकीकत वास्तविकता वि० १ श्रेष्ठ उत्तम ।
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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