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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ४४८ ) जन्य-पु० [सं०] १ साधारण मनुष्य, जन । २ राष्ट्र । ३ पुत्र । जबरन-क्रि० वि० [अ० जनन] बलात्, हठात्, दबाव डाल कर। ४ पिता । ५ बराती। ६ जन्म । ७ मित्र । ८ किंवदन्ती । । मजबूर करके, अनीच्छा से । ६ उत्पत्ति, सृष्टि । १० शरीर । -वि० १ उत्पन्न हुमा, जबराई-स्त्री० [अ०] १ ज्यादती, अन्याय । २ सख्ती। पैदा हुआ। २ किसी कुल या वंश संबंधी । ३ ग्रामीण, | ३ जबरदस्ती, जोरावरी । गंवारू । ४ राष्ट्रीय । ५ योग्य, अनुरूप । जबरायल, (येल)-वि० शक्तिशाली, जबरदस्त । जन्ह-देखो 'जहनु' । जबरी-स्त्री. १ ज्यादती, अन्याय । २ कष्टप्रद कार्य । जन्हवी-स्त्री० [सं० जाह्नवी] गंगा । ३ जबरदस्ती। जप-पु० [सं०] १ किसी नाम, मंत्र या श्लोक का बारबार किया जबरेल (रेल)-देखो 'जबरायल' । जाने वाला उच्चारण । रट, पाठ । २ स्मरण, याद । जबरोड़ो, जबरौ-देखो 'जबर'। (स्त्री० जबरोड़ी, जबरी) ३ सेवा, बंदगी । ४ साधना । --जाप-पु० साधना, मंत्र | जबळ-पु० [अ० जबल] पहाड़, पर्वत । पाट, जप-तप । | जबह-देखो “जिबह। जपणी-स्त्री० १ जप करने की माला । २ ऐसी माला रखने की जबां, जबांन-स्त्री. १ जिह्वा, जीभ । २ वाणी, बोली। थैली । -वि० जप-जाप करने वाला । ३ वचन, शब्द । ४ वादा, संकल्प, प्रतिज्ञा । ५ वाचालता, जपणो (बौ)-क्रि० [सं० जप्] १ किसी नाम, मंत्र या श्लोक तर्क-वितर्क । ६ बहस । को बार-बार जपना, रटना, पढ़ना । २ स्मरण करना जबांनी-वि० [फा०] १ मौखिक, मुख से कहा हुआ । २ कंठस्थ । याद करना। ३ सेवा करना, बंदगी करना । ४ साधना ३ जो हर समम याद रहे, जबान पर रहे । करना । ५ कथना, कहना। ६ नींद लेना, झपकी लेना । जबाड़ी-पु० [सं० भ] मुह का दाढ़ों वाला भाग । " शांत होना । जबाध-स्त्री० एक प्रकार का सुगंधित पदार्थ विशेष । जपत-देखो 'जब्त' । | जबाब-पु० [अ०] १ उत्तर । २ बदला। ३ मनाही, इन्कार । जपतप-सं०पु० [सं०] पूजा-पाठ, संध्या वंदन, तपस्या । ४ जोड़, बराबरी । -तळब-पु० पूछताछ, समाधान । जपता-स्त्री० जटा । -दावी-पु० अदालत में प्रतिवादी का प्रत्युत्तर । -देह जपा-स्त्री० [सं०] गुलाब का फूल या पौधा, अड़हुल । -वि० उत्तरदाई, जिम्मेदार। -देही-स्त्री० जिम्मेदारी, जपाणी (बो)-क्रि० जप कराना, पाठ कराना, रट लगवाना, उत्तरदायित्व । --सवाल-पु० प्रश्नोत्तर, पूछताछ, बहस । जपने के लिये प्रेरित करना । जबाबी-वि०१ जबाब के लिये किया गया । २ जबाब संबंधी । जपियौ-वि० जप करने वाला । जबाबू-देखो 'जबाव' । जप्त-देखो 'जब्त'। जबुफळ-पु० एक प्रकार का शुभ रंग का घोड़ा । जफरतकिया-स्त्री० एक प्रकार की तलवार । जबून-वि० [फा० जबून] बुरा, खराब, नीच । जब-कि०वि० जिस समय । जबेह-देखो 'जिबह' । जबक-स्त्री० चोट, मार । जबोड़, जबोड़ो-पु० १ प्रहार, चोट । २ देखो 'जबाड़ो' । जबड़ो-देखो 'जबाड़ी' । जब्त-पु० [अं०] १ शासन द्वारा किसी वस्तु या संपत्ति का जबत-देखो 'जब्त' । बलात् हरण, कब्जे में लेने का कार्य या भाव । २ प्रबंध, जबरंग-वि. जबरदस्त । निगरानी। ३ सहनशीलता। -वि० अधिकार में, काबू में। जबर-वि० [अ०] (स्त्री० जबरी) १ बलवान, शक्तिशाली, | जन्ती-स्त्री० [अ०] जन्त होने की क्रिया । शूरवीर । २ क्रूर, आततायी । ३ प्रबल । ४ तीव्र, तेज। जब्ब-देखो 'जब' । ५ अधिक । ६ भयंकर । ७ बढ़िया, श्रेष्ठ । ८ महान् । जब्बर-देखो 'जबर' । जबरई-देखो 'जबराई'। जम्बू-देखो 'जबून'। जबरजगनाळी-स्त्री० एक प्रकार की तोप । जबन-देखो 'जबरन'। जबरण जबरणां-क्रि० वि० [अ० जबन] जबरदस्ती, बलात् । जभे-देखो "जिबह' । जबरबस्त-बि० [अ०] १ शुरवीर, बलवान, शक्तिशाली ।जमंद-पु० जामूनी रंग का घोडा । २ भयंकर । ३ ऋर, जुल्मी । जमंधर-देखो 'जमधर' ।। जबरदस्ती-स्त्रीअ.] १ ज्यादती, अन्याय, अत्याचार । | जम-पु० [सं० यम] १ एक साथ पैदा होने वाले बच्चों का २ प्रबलता । ३ जोरावरी। -क्रि० वि० बल पूर्वक, बलात् जोड़ा, यमज । २ दक्षिण दिशा का दिकपाल और मृत्यु का For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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