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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org जनमोजनम । ४४७ ) जन्मेस जनमोजनम-प्रव्य० जन्म-जन्म तक । जनमणी-स्त्री० शरीर का श्याम, लाल व चिकना भाग जो जनम्म-देखो 'जनम'। जन्म के समय होता है। जनम्मरणौ (बो)-देखो 'जनमणो' (बी) । . जनेंद्र-पु० [सं०] राजा, नप । जनयंती, (त्री)-स्त्री० [सं० जनयित्री] माता, जननी । जनेऊ-पु० १ यज्ञोपवीत, उपनयन संस्कार । २ इस संस्कार जनयता-पु० [सं० जनयितु] पिता, जनक । के उपरांत शरीर पर धारण किया जाने वाला धागा। जनया-स्त्री० [सं० जन्या] रात्रि । ३ जनेऊ की तरह का एक स्वर्णाभूषगा । ४ यज्ञोपवीत जनरव-पु० [सं०] १ जनश्रुति । २ लोक निंदा। ३ शोर, पहनने के स्थान पर होने वाला रक्त विकार । -उतार,कट कोलाहल । बढ़, बाढ़, वढ़-पु० कंधे से कमर तक तिरछा निकलने वाला जनलोक-पु० सात लोकों में से पांचवां लोक । तलवार का वार, प्रहार । जनवास-पु० १ सार्वजनिक निवासस्थान, विश्रामस्थल । जनेत जनेता-स्त्री० [सं० जनयित्री माता । २ सभा। ३ देखो 'जांनीवासो' । जनेती देखो 'जांनेती'। जनवासौ-देखो 'जांनीवासौ' । जनेब-स्त्री० एक प्रकार की तलवार । जनसंख्या-स्त्री० [सं०] किसी देश या राज्य के निवासियों की जनेसर(स्वर)-पु० [सं० जनेश्वर १ जितेन्द्रिय । २ विष्णु । संख्या, याबादी। । ३ सूर्य । ४ कुबेर । ५ बुद्ध । जनस-देखो 'जिनस'। जनोई-देखो 'जनेऊ'। जनस ति, (ती)-स्त्री० [सं० जनश्र ति] १ अफवाह । २ लोको जनौ-पु० तलवार की मूठ का एक भाग । पवाद । ३ किंवदंती। जन्न-पु० यज्ञ । (जैन) जनहरण-पु० [सं०] दण्डकवृत्त का एक नाम । जन्नक-देखो 'जनक' । जनां-सर्व जिस । जन्नट्ठी-वि० यज्ञ की इच्छा रखने वाला। (जैन) जनांनखांनौ-पु० [फा०] रनिवास । जन्नत-स्त्री० [अ०] स्वर्ग । जनांनीड्योढ़ी-स्त्री० १ रनिवास । २ रनिवास का द्वार। जन्नवाइ-पु० यज्ञवादी । (जैन) जनांनो-वि० [फा०जनान] १ नामर्द, नपुंसक । २ डरपोक, जन्नवाड-पु० यज्ञवाट । (जैन) कायर । ३ स्त्रियों की तरह आचरण करने वाला । -स्त्री० जन्नसिट्ट-पु० प्राध्यात्मिक यज्ञ । (जैन) १ स्त्री, औरत । २ स्त्री समाज । ३ रानियों का दरबार । जन्नारजन-देखो 'जनारजन'। जनाख (खि)-पु० [फा० जनख] ठोडी, चिबुक । जन्म-देखो 'जनम'। -अष्टमी= 'जनमाठम' । जनाजौ-पु० [फा०] १ शव । २ अर्थी । जन्मकील-पु० जन्म-मरण मिटाने वाला, विष्णु । जनाव-पु० देश, राष्ट्र। जन्मकुडळी-स्त्री० जन्म के समय के ग्रहों का पता लगाने जनारजन, जनारदन-पु० [सं० जनार्दन] १ विष्णु, ईश्वर । वाला चक्र । २ श्रीकृष्ण । जन्मऋत-पु० [सं०] माता-पिता। जनावर-देखो जानवर'। जन्मग्रहरण-पु० [सं०] उत्पत्ति । जनि-अव्य निषेध सूचक शब्द 'नहीं' । जन्मणौ (बी)-देखो 'जनमणो' (बौ) । जनित्री-स्त्री० [सं० जनित्रि, जनित] १ माता, जननी । जन्मतिथि-स्त्री० जन्म का दिन । २ पिता। जन्मप, (पति)-पु० [सं०] जन्म की राशि का स्वामी । मनी-स्त्री० [सं०जनि] १ माता, जननी। २ दासी, सेविका । जन्मपत्र (पत्री)-पु० [सं०] जन्म का समय, राशि व लग्नादि ३ देखो 'जनि'। के विवरण का पत्रक । जनीयित-पु० [सं० जनयित] पिता । जन्मप्रहार-पु० जन्म-मरण, प्राबागमन । जन्मभूमि (भौम)-देखो 'जनमभूमि' । जनु-प्रव्य० मानो। जन्मांत, जन्मांतर-पु० [सं०] दुसरा जन्म । जनुख-पु० [सं० जनुम्] जन्म, उत्पत्ति । जन्माधिप-पु० [सं०] १ शिव का एक नाम । २ जन्म लग्न का जनुवी-स्त्री० तलवार । स्वामी। ३ जन्म राशि का स्वामी । जनून-पु० [अ०] पागलपन, उन्माद । जन्मास्टमी-देखो 'जनमाठम' । जनुनी-वि० [१०] १ पागल । २ देखो 'जाणी' । जन्मेस-पु० [सं० जन्मेश] जन्म राशि का स्वामी । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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