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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir किरची ( २३३ ) किरि P3 किरचौ-पु० १ टुकड़ा, खण्ड, करण । २ सुपारी का टुकड़ा । किरमाळ-स्त्री० [सं० करवाल] १ तलवार । [सं० किरणमाली] किरट, किरठ-वि० श्याम, काला। २ सूर्य, भानु । किरड-देखो "किरड'। किरमाळी-पु० [सं० कृतमाल] अमलताश । किरण-स्त्री० [सं०] १ सूर्य, चन्द्रमा या दीपक प्रादि से | किरमिज-पु. १ एक प्रकार का रंग । २ इस रंग का घोड़ा। निकलने वाली प्रकाश की सूक्ष्म रेखा, रश्मि । प्रभा । ३ किरिमदाने का चूर्ण। २ रजकरण । -उजळ, ऊजळ-पु. चन्द्रमा । -केतु-पु० किरमिजी-वि० [सं० कृमिज] १ किरमिज रंग का। मूर्य । -माळ-पु० तपता सूर्य । -पत, पति, पती-पु० २ चितकबरा। सूर्य । -बाळ-पु० एक प्रकार का घोड़ा। -माळी-पु० | किरमिर-पु० [सं० किर्मीरः] १ भीम द्वारा वधित एक राक्षस । सूर्य । -सेत-पु० चांद, चन्द्रमा। २ पांडु पुत्र भीम। किरणांपत (पति, पती) किरणार-पु० सूर्य । किरम्माळ किरम्माळा-स्त्री. तलवार । किरणाळ (र)-वि०१ तेजस्वी । २ वीर, योद्धा। -पु० सूर्य। किरळक्क, किरळी-स्त्री०१ चीत्कार, चिल्लाहट । २ किलकारी। किरणाळी-पु० [सं० किरण-पालुच] सूर्य । किरळावरणौ (बौ)-क्रि० १ चिल्लाना, चीत्कार करना । किरणावळी-स्त्री० किरण समूह । २ किलकना। किरणि-देखो 'किरण'। किरवाणी-देखो 'करवाळ'। किरणियौ-पु० १ छाता । २ संकेत देने का उपकरण । ३ एक किरसाण (न)-१ देखो 'किसान' । २ देखो 'कमांण' । बड़ा वृत्ताकार पंखा जो राज्य चिह्न होता है और जिस किरसारणी (नी)-देखो 'किसाणी' । पर सूर्य का चित्र होता है। किरांणी-पु० [सं० क्रयरण] १ नमक, तेल, मसाले प्रादि पसारी किरत-वि० [सं० कृत] किया हमा, कृत। -पु० १ नितंब के | का सामान । २ इस वर्ग की कोई एक वस्तु । ऊपर का हिस्सा । २ स्तन का ऊपरि भाग। ३ कार्य, किरांत-स्त्री० [सं० क्रांति ] शोभा, प्रकाश । काम । ४ जाल, प्रपंच । --गुरणी-वि० कृतघ्न, उपकार न | किराड-पु. १ वैश्य, बनिया, व्यापारी। २ नदी का तट । मानने वाला, गुणचोर। किराड़ी-पु० पशुओं का एक चर्म रोग। किरतका-देखो 'ऋतिका'। किराडो-देखो 'किराड़। किरतब (व, व्व)-देखो 'करतब' । किरात-पु० [सं०] (स्त्री० किरातणी, किरातिणी) १ एक किरतबी-देखो 'करतबी' । प्राचीन जंगली जाति, भील । २ चिरायता । ३ एक किरतम-वि० बनावटी, कृत्रिम । प्राचीन प्रदेश । ४ सईस, घुड़सवार । ५ शिव । ---पत, किरतार-देखो ‘करतार'। पति-पु० शिव । किरतारथ-देखो 'क्रतारथ' । किरातासी-पु० [सं० किरताशी] गरुड़। किरति, किरतियां, किरती (यु)-देखो 'ऋतिका' । किराती-स्त्री० [सं०] १ दुर्गा । २ स्वर्ग गंगा । ३ चंवर डुलाने किरतू-पु० दो रस्सों को परस्पर जोड़ने की काष्ठ की कील । | वाली स्त्री । ४ जटामासी । ५ किरात जाति की स्त्री। किरत्यां-देखो 'ऋतिका' । किरायची (तो)-पु० प्याज के काले बीज जो प्राचार में डाले किरन-देखो 'किरण'। जाते हैं । किरनाळ-देखो 'किरणाळ' । किरायणी (बौ)-क्रि० १ चिल्लाना, चीत्कार करना । किरपरण-देखो 'ऋपण' । २ कराहना। ३ रोना । किरपारण (पी)-वि० मजबूत, दृढ़ । देखो 'क्रपाण'। किरायाभट्टी-स्त्री० चूने के भट्रों के मालिकों से लिया जाने किरपा-देखो 'पा'। वाला कर। किरपाळ-देखो 'ऋपाळ' । किरायो-पु० [अ० किराया] १ मकान, सवारी प्रादि का भाड़ा । २ ढोवाई। ३ किसी वस्तु के उपयोग के बदले किरबांण (न)-देखो 'करवाळ' । दिया जाने वाला धन । किरम-पु० [सं० कृमि] कीट, कीड़ा । किरावर-देखो 'क्यावर'। किरमची-पु. १ मट मैला या करोंदिया रंग । २ इस रंग का | किरावळ-देखो करवाळ । कपड़ा । ३ इस रंग का घोड़ा। | किरि-अव्य. १ मानो, जैसे । २ देखो किरी' । किरमर (म्मर)--स्त्री० १ तलवार, कृपारण । २ मुसलमान। ३ देखो 'केरी' । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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