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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एकाचादर एधस एकाबादर, एकाबाहदर-देखो 'इकाबहादुर'।। एखट, एखटौ-वि० [सं० एकस्थः] (स्त्री० एखटी) एकत्रित, एक एकार-पु० १ वर्णमाला का 'ए' स्वर । २ देखो 'एकाकार'। स्थान पर इकट्ठा किया हुआ। एकारको-वि० (स्त्री० एकारकी) एक बार की। एक दफा की। एगरउ-क्रि०वि० एक बार, एक समय । एकारां, एकार-क्रि०वि० एक बार । एक समय । एग्गारह-देखो ‘ग्यारह'। एकावन-देखो 'इकावन'। एडणी (बौ)-क्रि० एकत्र करना, संगृहीत करना, जोड़ना। एकावनो-देखो 'इकावनो'। झुंड बनाना। एकावळहार-पु० एक प्रकार का अमूल्यहार । एड-छेड़-क्रि०वि० इधर-उधर। ओर-छोर पर । अासपास । एकावळि, (ळी)-स्त्री० १ एक से सौ तक की गिनती । २ एक- एडौ-देखो 'ऐड़ो' । लड़ी की माला । ३ एक प्रकार का अर्थालंकार । ४ एक एड़ी-बेडौ-क्रि० वि० ऊपर-नीचे । -वि० ऐसा-वैसा । प्रकार का आभूषण। -पु० द्विघटक । गगरी। एकावरणौ, एकासरणी-पु० १ दिन में एक बार एक प्रासन | एछी-स्त्री० प्रावड़देवी की बहन । से किया जाने वाला भोजन । २ उक्त प्रकार का व्रत । एठित-देखो 'ऐठित' । एकासरणी-वि० एकासना व्रत रखने वाला । एडंक (डक)-पु० [सं० एडक] मेंढा, भेड़ा। एकासियो-देखो 'इकियासियौ । एड-पु० [सं०] नर भेड़ । -स्त्री० ऐडी। एकास्रित-वि० एक पर ही आधारित, प्राश्रित । एडगज-पु० [सं०] पुवाड, चकवड़ । एकास्री-वि० अकेला। एडी-स्त्री० १ पांव तले का पिछला भाग, एड । २ नीचला एकाहिक-वि० एक दिन का, एक दिवमीय । शिरा। एकी-स्त्री० १ इकाई। २ अविभाज्य संख्या। ३ छात्र द्वारा एडो-पु०१हर्ष या शोक का अवसर । २ ईर्ष्या, द्वेष । ३ वैर । एक अंगुली उठा कर अध्यापक को दिया जाने वाला पेशाब | एढी-पु० विशेष अवसर । खास मौका । का संकेत । -वि. एक । -करण-पु. एकत्रीकरण, | एण-पु० ।स० एण:] (स्त्रा० एणा) १ एक जाति संग्रह । मिलाकर एक करने की क्रिया । ---बेकी-पु० एक हरिण, कृष्णमृग । २ हरिण । ३ मृगचर्म, मृगछाला । राजस्थानी खेल। [सं० अयन] ४ घर, मकान । -सर्व० [सं० एतेन] इस एकोस-देखो 'इक्कीस'। यह । इन। -पताका-स्त्री० चन्द्रमा । -सार-पु. एकीसार-वि० समान, एकसा। मृगमद, कस्तूरी। एरिण (पी)-१ देखो 'इणि' । २ देखो 'पण' । एकूको-क्रि०वि० एक-एक करके, क्रमशः । एक ही । -वि० एतड़ा (डा)--वि० इतने । (म्बी० एकूकी) प्रत्येक, हरेक । एतत-सर्व० [सं०] यह । -वि० इतना । एकेंद्रिय (बी)-वि० [सं०] १ अपनी इन्द्रियों को विषयों से | एतबार-पू० [अ०] भरोसा, विश्वास । हटाकर मन में केन्द्रित करने वाला । २ एक ही इन्द्रिय | एतबारी-वि० [अ०] जिस पर विश्वास किया जाय, वाला। विश्वसनीय । एके, एक-वि० एक । एक और एक । एक मत, एक राय। एतराज (जी)-पु० [अ०] आपत्ति, विरोध । एकोतड़, एकोतड़ौ-वि.क सौ एक । -पू० उक्त प्रकार की एतलई, एतल (ल)-वि० इतने । -क्रि० वि० तब तक, संख्या, १०१ । २ देखो 'इकोतर' । अब तक। एकोतर-देखो 'इकोतर'। एतलौ-वि० (स्त्री० एतली) इतना । ऐसा । एकोतरसौ-वि० एक मौ एक । -पु० १ एक सौ एक की संख्या, एतां, एता-सर्व० इतने । १०१ । २ सात हजार एक सौ की संख्या, ७१००। एति, एती-वि० इतनी, ऐसी है - सब इस । एकोतरौ-देखो 'इकोतरौ'। एतेह-वि० इतना। एकोळाई-स्त्री० बढ़ई का एक औजार । एतौ-वि० [सं० इयत्] (स्त्री० एती) इतमा । एको (ककौ) -पु० १ एक का अंक, १ । २ एकता, संगठन । एथ, (ऐथि) एथिये, एथी, एथीय-क्रि० वि० यहाँ, इस ३ देखो 'इक्को'। ओर, इधर । एक्कावान-देखो 'इनाकावांन', । एधस-पु० [सं०] १ यज्ञ का इंधन । २ इंधन । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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