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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महंगे गलीचे और आकर्षक फर्निचर के साथ वह बंगला कुछ वर्ष शोभास्पद लगता है, फिर धीरे-धीरे रंग फिका होता जाता हैं, उसकी डिजाईन पुरानी हो जाती है, दिवारों में दरारे हो जाती है, रीपेरर और प्लम्बर को बार-बार बुलाना पड़ता हैं | आखिर में वह बंगला किराये दिया जाता है, एक समय का सुन्दर बंगला वक्त गुजरते खंडहर बन जाता है। गाय-भैंस के पेट में चार-पाँच घंटे में न जाने क्या रसायनिक प्रक्रिया होती है कि घास सफेद दूध में रूपांतर हो जाती है। उस दूध का दही, दही का मक्खन, मक्खन का घी और घी से मिठाई बनती है। किसी की शादी की शान बनने वाली मिठाई कुछ घंटो में दुर्गन्ध युक्त विष्टा बन जाती है। जापान के बने गोगल्स, मेड़ इन U.S.A. की पेन तुटने के बाद कचरपट्टी को मुबारक होती है, उसे फेंकने के लिए जापान या U.S.A. नहीं जाते है। मिठाइयाँ, रोटी, सब्जी पहले आदमी की भूख मिटाती है फिर सुवर की भूख मिटाने योग्य बन जाती है। वस्तु/पदार्थ की परिवर्तनशील अवस्थाओं को जानने के बाद भी आदमी उन पदार्थों में स्थिरता की कामना करता है। बदलती अवस्थाओं को देखकर उसके चेहरे की रेखाएं बदलती है। ____ राजा, मंत्री और कुछ साथी घूमने निकले थे, रास्ते में चलते-चलते गटर से निकलती दुर्गन्ध से सभी ने घूटन महसूस की, मंत्री के शिवा सभी ने नाक बंद कर ली। उससे साश्चर्य बने सभी ने मंत्री को उपहास का केन्द्र बनाया तब मंत्री ने उनसे कहा अत्तर सूंघकर क्या खुश होना और इस दुर्गन्ध से क्या ना खुश होना? यह सब पुद्गल का खेल है, मंत्री का यह तत्त्वज्ञान राजा की समझ में नहीं आया। बहुत दिनों बाद मंत्री ने भोजन समारंभ में राजा को दावत दी। बत्तीस पकवान, तेंतीस व्यंजन, पेंतीस फरसान यह देखकर सब खुश हो गये। शीतल पेय ने सब को प्रसन्न कर दिया। परन्तु आज के समारंभ की सब से श्रेष्ठ वेराइटी क्या? इस प्रश्न के उत्तर में सर्वानुमत से एक ही चीज थी, वह कोई पकवान या मिठाई नहीं थी, नमकीन या मुखवास भी नहीं था, परन्तु सभी के मन में भोजन समारंभ की श्रेष्ठ 102 For Private And Personal Use Only
SR No.020580
Book TitlePriy Shikshaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendrasagar
PublisherPadmasagarsuri Charitable Trust
Publication Year2006
Total Pages231
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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