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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir टीका, जयराशिनो तत्वोपप्लव, शब्दनी नित्यता उपर भट्टवादीन्द्रनुं महाविद्याविडंबन तेना उपर भुवन मुंदरनी वृत्ति अने ते उपर टिप्पन, परम पाशुपताचार्य वामध्वजनो न्यायकुसु. मांजलि निबन्धन; शिडिल वोम्भिदेव भूपतिनो न्यायकुसुमां नलि उपर कुसुमोद्म नामनी टीका वगेरे ग्रन्थो पण जाणवा योग्य छे. ऐतिहासिक पुस्तकोमा बिलणना विक्रमादित्य चरित्रना नायक विक्रमादित्य ( आहवमल्ल ) ने अवलंबीने अभिलषितार्थ चिंतामणिना कर्म अने चरित्र नायकना पौत्र दक्षिणना पौलुक्य वंशना राजा भूलोकमल्ल सामेश्वरे (इ. स. ११२७-११३८) विक्रमांकाभ्युदय नामर्नु रसमय चंपू काव्य रचलु छे, आ काव्य त्रुटक ताडपत्रमा मळेलु होवाथी विक्रमादित्यना यौवराज्य वर्णन लगी प्राप्त थएलुं छे. व तुपालना समकालीन आचार्य बालचंद्रे वसंतविलास नाम, वस्तुपाल उपर म. हाकाव्य रखें छे. वस्तुपालना गुरु विजयसेनना शिष्य अने धर्माभ्युदय नामना संघाधिपति चरित्र काव्यना कर्ता उदयप्रभ आचार्ये सुकृतकोर्तिकल्लोलिनी नामनी १८० श्लोकनी वस्तुपाल उपर प्रशस्ति रचेली छे. हम्मीरमदमर्दन नाटकना कर्ता जयसिंहरिए पण ११३ श्लोकनी एक प्रशस्ति बनावेली छे. कुमारपालना संबंधमां जयसिंहसूरिना कु. मारपाल चरित्र महाकाव्य उपरांत चारित्रसुंदरनु कुमारपाल चरित्र काव्य, सोमतिलकनुं कुमारपाल चरित्र, संवत् १४७५ मां उतरायेलो कुपारपाल प्रबंध ए मुख्य पुस्तको छे. ___ काव्यमंडनादि ८ ग्रंथोना कर्ता मंडपदुर्गना पादशाहना मत्रि मंडर्नु महेश्वर काबिए रचेलु काव्य मनोहर नामर्नु ४ सर्गात्मक चरित्र छे. रंगविनयनी गूर्जर देश भूपःवलीमां औरंगमेव सुधीना गूर्नर राजाओना वशनुं आशरे २०० श्लोकोमा वर्णन छे. जयसोमनी मंत्रिकर्मचंद्रवंशावलीमां मारवाडना राजसिंहना मंत्रि अने सारवाद अकबर बाद शाहना सामानिकाध्यक्ष कर्मचंद्रना तथा तेना पूर्व नोना सुकृतोनुं वर्णन छ. वल्लभगाणना विजयदेव माहात्म्यमां हीरसौभ ग्यनी पेठे विजयसेनसूरिना शिष्य विजयदेवसूरीश्वरनुं चरित्र छे. हेमविजयनी कीर्तिकल्लोलिनीमां विजयसेनसू र, यशोवर्णन करेलुं छे. अलंकार शास्त्रमा बालरामायण कर्पूरमंजरी वगेरेना कर्ता यायावरीय राजशेखरनो काव्यमीमांसा एक घणो अगत्यनो लेख छे. आ ग्रंथ अढार अधिकरणमा हतो. प्रथम अधिकएणना अढार अध्याय छे. प्रथम अधिकरणन फक्त उपलब्ध थयेलो छे अने ते पण जैन For Private And Personal Use Only
SR No.020547
Book TitlePatanna Bhandaro Ane Khas Karine Tema Rahelu Apbhramsa tatha Prachin Gujarati Sahity
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChimanlal Dahyalal Dalal
PublisherMaherbanji Dadachanji Beheram
Publication Year1915
Total Pages45
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size4 MB
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