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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 171 संधि। 12. मूलगोत्र पछोलिया - बोहरा, रूपावत, नागौरी 13. मूलगोत्र हथुडिया - छपनिया, रातड़िया, गौड, राणावत । 14. मूलगोत्र मंडोवरा - रत्नपुत्र, बोहरा, कोटारी। 15. मूलगोत्र गुदेवा - गगोलिया, वागाणी। 16. मूलगोत्र छाजेड़ - संघवी, नखा, चावा। 17. मूलगोत्र राखेचा - पुंगलिया, पावेचा, धामाणी। इन गोत्रों का उद्भवकाल 7वीं से 12वीं शताब्दी के बीच माना गया । ये सभी क्षत्रिय राजपूत थे । रत्नप्रभसूरि ने 18 क्षत्रिय जातियों को प्रतिबोध देकर जैन बनाया, किन्तु परवर्ती उपकेश गच्छ के आचार्यों ने विभिन्न राजपूत जातियों को प्रतिबोध देकर ओसवाल बनाकर गोत्र का नामकरण दिया।' गोत्र आदिपुरुष पूर्वजाति ग्राम प्रतिबोधक वि.स. आचार्य 1. आर्य राव गौसल भाटी अटवड देवगुप्तसुरि 684 2. छाजेड़ राव काजल राठोड शिवगढ़ सिद्धसूरि 942 3. राखेचा रावराखेची भाटी कालेर देवगुप्तसूरि 878 4. काग पृथ्वीधर चौहान धामाग्राम कक्कसूरि 1011 5. गरुड़ महाराय चौहान सत्यपुर सिद्धसूरि 1043 6. सालेचा सालमसिंह सोलंकी पाट्टण सिद्धसूरि 912 7. वागरेचा गजसिंह चौहान वागरा कक्कसूरि 1009 8. कुंकुम अडकमल राठोड़ कनौज देवगुप्तसूरि 885 9.सफ्ला लाखणसि चौहान जालोर सिद्धसूरि 144 10. नक्षत्र मदनपाल - राठोड़ वटवाडाग्राम कक्कसूरि 994 11. आभड़ रावआभड़ चौहान सांभर कक्कसूरि 1079 12. छावत रावछाहड पंवार धारानगरी सिद्धसूरि 1073 13. लँड सूर्यमल लैंडग्राम सिद्धसूरि 933 14. पीच्छोलिया वासुदेव गौड पाल्हणपुर देवगुप्तसूरि 1204 15. हाथुड़िया राउ अभय राठोड हथुडि देवगुप्तसूरि 1191 16. मंडोवरा देवराज पडिहार मंडोर सिद्धसूरि 935 17. मल मलवराव राठोड खेडग्राम सिद्धसूरि 949 18. गुंदेचा राव लाधी पडिहार पावागढ़ देवसूरि 1026 __ भगवान पार्श्वनाथ के 48वें पट्टधर आचायै ननप्रभसूरि ओसवाल संवत् 15281574 ने हजारों अजैन क्षत्रियों को जैनधर्म में दीक्षित कर महाजन संघ की वृद्धि की। ये गौत्र हैंसुद्येचा कोठत्री कोडिया कपूरिया धाकड़ धूवगोला नागगेला नार सेठिया धाकट मथुरा सोनेचा मकवाण फितूरिया खालिया 1. श्री मांगीलाल भूतोडिया. इतिहास की अमरबेल, प्रथम खण्ड, 165 चौहान For Private and Personal Use Only
SR No.020517
Book TitleOsvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirmal Lodha
PublisherLodha Bandhu Prakashan
Publication Year2000
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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