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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ३०४ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर कर्जत (४६६) श्री नमिनाथ भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय महावीर पेठ, गाँव- पोष्ट कर्जत, जिला - रायगड, स्टेशन कर्जत- ४१०२०१ ( महाराष्ट्र ) टेलिफोन : S. T.D. ०२१४८- २२०४५ - शांतिलालजी परमार विशेष :- करजत जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ ट्रस्ट द्वारा यहाँ सर्व प्रथम शान्तिनाथ भगवान मूलनायक रुप से गृहमन्दिर में बिराजमान थे । उसके बाद मूलनायक के रुप से श्री नमिनाथ प्रभु बिराजमान किये गये । परम पूज्य आ. श्री नेमिसूरीश्वरजी म. के पट्टधर आ. श्री विज्ञानसूरीश्वरजी म. के पट्टधर आ. श्री विजय कस्तूरसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में वि.सं. २०१३ का चैत्र सुदि १३ को भगवान को मेहमान के रुप में स्थापित किये गये । उसके बाद ४१" की भव्य प्रतिमाजी श्री नमिनाथ प्रभु की तथा ४ अन्य प्रतिमाजी कदंब गिरि तीर्थ से अहमदाबाद लाकर आचार्य भगवंत श्री विजय यशोभद्रसूरीश्वरजी म. से अंजन शलाका करवा कर शुभ मुहूर्त में कर्जत लाकर मेहमान के रुप में स्थापित किये गये । जिसे लगभग १५ - १६ वर्ष हो गये हैं। अनेक आचार्य भगवन्त, मुनि भगवंतो का आगमन हुआ, फिर भी जिनालय बन न पाया, किन्तु वि. सं. २०५१ की साल में मुनिराज श्री पुण्यविजयजी म. के चातुर्मास के योग से शिखरबंदी जिनालय बनवाने की संघ में जागृति आई एवं काम का श्री गणेश भी हो गया । मंजील के भव्य उपासरे में प्रथम माले के वर्तमान गृह जिनालय में पाषाण की ८ प्रतिमाजी, पंचधातु की ५ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी- ३, अष्टमंगल- १ बिराजमान हैं। दिवारो पर कई तीर्थ दर्शनीय हैं। यहाँ आयंबिल शाला, जैन पाठशाला, श्री दिव्य शान्ति महिला मण्डल, श्री नमि शान्ति महिला मण्डल, अहिंसा युवक संघटना आदि संस्थाएँ संघ में अग्रसर हैं । नूतन जिनालय में नीचे मूलनायक श्री नमिनाथ के साथ श्री शान्तिनाथ प्रभु, श्री मुनिसुव्रत स्वामी, श्री पार्श्वनाथ एवं श्री अजितनाथ प्रभु की ५ प्रतिमाजी पाषाण की तथा उपर श्री शान्तिनाथ प्रभु मूलनायक श्री अजितनाथ प्रभु एवं श्री मुनिसुव्रत स्वामी की पाषाण की ३ प्रतिमाजी बिराजमान होंगे। For Private and Personal Use Only शहाड (४६७) श्री आदिनाथ भगवान गृह मन्दिर मुरबाड रोड, ब्रीज के नीचे, रेल्वे स्टेशनके बाजू में, शहाड (प), जि. थाणा (महाराष्ट्र). टे. फो. ९११ - ५४६२१८ ऑ. ५४७७३३ घर - शशिकांतभाई, पंकजभाई विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्रेष्ठिवर्य श्री मोहनभाई देवजी देढिया
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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