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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २४४ मुंबई के जैन मन्दिर %3 (३६८) श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर जय किशन, स्टेशन रोड, पंतनगर, घाटकोपर (पूर्व), मुंबई - ४०० ०७७. टेलिफोन नं.-कमलेशभाई आर. शाह - ५१३ ६६ ३५, प्रविण जे. दोशी - ५११ ३०५३ विशेष :- श्री घाटकोपर मुनिसुव्रतस्वामी जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तप गच्छ संघ द्वारा संचालित इस गृह मन्दिरजी की प्रतिष्ठा परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री विजय मोहन - प्रताप के पट्टधर युगदिवाकर पूज्यपाद आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रामें वि. सं. २०२६ का माह सुद ११, तारीख ४-३-७० को हुई थी। प्रतिष्ठा का लाभ लेनेवाले सेठ बाबुभाई हरगोविन्ददास मोतीचन्द शाह जामनगर वाले थे। यहाँ श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ प्रभु, श्री आदीश्वर भगवान एवं श्री महावीर प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं। यहाँ श्री आराधना भवन उपाश्रय, जैन पाठशाला, श्री जैन प्रगति मंडल एवं श्री पार्श्वदीपक महिला मंडल की व्यवस्था हैं। (३६९) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर ६० फीट रोड, आर. बी. मेहता मार्ग, घाटकोपर (पूर्व), मुंबई - ४०० ०७७. टेलिफोन नं.-(ओ.) ५१२ ३२ ३६, रजनीकान्तभाई - ५१६ २७ ०८ विशेष :- श्री घाटकोपर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपगच्छ संघ-नवरोजी लेन की तरफ से इस गृह मन्दिरजी की स्थापना तथा व्यवस्था हो रही हैं। शासन प्रभावक पूज्यपाद आचार्य भगवंत श्री मोहन - प्रताप के पट्टधर युगदिवाकर पूज्यपाद आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की शुभ प्रेरणा से इस गृह मन्दिर का निर्माण हुआ था। परम पूज्य शासन सम्राट आ. श्री विजय नेमिसूरीश्वरजी म. सा. के समुदाय के आचार्य भगवन्त विजय चन्द्रोदयसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि. सं. २०३४ का जेठ सुदि - २ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु मूलनायक तथा आजु बाजु में श्री आदीश्वर प्रभु तथा श्री महावीर प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ७ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं। ____ घाटकोपर संघ के परमोपकारी युगदिवाकर पूज्यपाद आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणा से एवं आपकी पुण्य निश्रा में वि. सं. २०३२ में स्थापित श्रीमती जयाबेन रामजीभाई गुढका आराधना भवन, श्री पार्वतीबाई नारायणजी शाह जैन पाठशाला - जवान नगर - भानुशाली लेन, घाटकोपर (पूर्व), इसके अलावा श्री घाटकोपर जैन आराधना मंडल, श्री वर्धमान संस्कृति धाम, श्री महावीर मंडल की व्यवस्था हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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