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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org मुंबई के जैन मन्दिर विशेष : इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपागच्छ जैन संघ मझगाँव है । प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणासे इस जिनालय का निर्माण हुआ है। - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री विजय मोहन प्रताप धर्म सूरीश्वरजी म. सा. की पावन निश्रा में वि. सं. २०२६ का मगसर सुदि ६, रविवार, ता. १४-१२-६९ को इस गृह मन्दिरजी की चल प्रतिष्ठा बडी धामधूम से सम्पन्न हुई थी । हैलीकोप्टरसे पुष्प वर्षा की गई थी। - १९३ - यहाँ आरस के ६ प्रतिमाजी, पंचधातु के ९ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ६ और अष्टमंगल - १ के अलावा श्री नाकोडा भैरूजी, श्री घंटाकर्ण वीर और सुरकुमार यक्ष तथा चंडादेवी यक्षिणी बिराजमान हैं । १२ वर्ष के बाद वि. सं. २०३८ फागुण सुदि १० को श्री चौमुख प्रतिमाजी, पद्मावतीजी आदि की प्रतिष्ठा पूज्यपाद युगदिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की निश्रा में हुई थी, आपके जीवन की यह अन्तिम प्रतिष्ठा थी । इस प्रतिष्ठा के बाद फागुण सुदि - १३ को सुबह ५.५८ के समय आपका समाधिमय स्वर्गवास यहाँ उपाश्रय में हुआ था और बाद में आपके पुण्यदेह को श्री गोडीजी जैन उपाश्रय में तुरन्त लाया वहां लाखो भाविको ने आपके दर्शन का लाभ लिया । गया, दूसरे दिन फागुण दि १४ को आपके पुण्य पार्थिव देह की अंतिम यात्रा गोडीजी से २ लाख की विराट जनता के साथ २१ की. मी. दूर चेम्बुर तीर्थ में गई थी । जहाँ आपके अंतिम संस्कार की स्वीकृति महाराष्ट्र सरकार से प्राप्त हुई थी, और अंतिम संस्कार हुआ था। I यहाँ प्यारीबाई पुखराज व्याख्यान भवन, भरत पौषधशाला, हजारी भवन ये सभी साधु साध्वीजी म. के उपासरे हैं । श्री वासुपूज्य जैन पाठशाला, श्री वासुपूज्य महिला मण्डल की व्यवस्था है । For Private and Personal Use Only (३०७ ) श्री सीमन्धर स्वामी भगवान भव्य शिखर बंदी जिनालय चैत्य टॉवर के कम्पाउन्ड में, सैल्स टेक्स ऑफस के नजदीक, शिवदास चांपशी रोड, मझगाँव रोड, सर इलीक दुरी स्कुलके सामने, मझगाँव, मुंबई - ४०००१०. टे. फोन : ३७११८०९, ३७७६०२ श्री दलपतजी, ३७७२१४७ - ४८ - ४९ विशेष : सागर समुदाय के परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री दर्शनसागरसूरीश्वरजी म. के शिष्य आ. श्री नित्योदयसागरसूरीश्वरजी म. के शिष्य आ. श्री चन्द्राननसागरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि. सं. २०५४ का जेठ वदि ११, शनिवार ता. २०-६-९८ को सुबह
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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