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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १९२ मुंबई के जैन मन्दिर यहाँ मूलनायक श्री शान्तिनाथ भगवान के साथ श्री आदीश्वर प्रभु और पार्श्वनाथ प्रभु की आरस की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ७ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ३, अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं। इस जिनालय का संचालन श्री श्वेताम्बर तपागच्छीय मूर्तिपूजक राजस्थान जैन संघ डोंगरी द्वारा हो रहा है। यहाँ श्री नवयुवक स्वयं सेवक ग्रुप, श्री शान्तिनाथ राजस्थान जैन पाठशाला की व्यवस्था हैं। डाक्यार्ड रोड - जुना मझगाँव (३०५) श्री सुमतिनाथ भगवान गृह मन्दिर दूसरी सुतार गली, पहला माला, जुना मझगाँव, स्टे. डाक्यार्ड रोड, मुंबई - ४०० ०१०. टे.फोन : ओ. ३७१ ३७ २४ (घर) ३७५ ८९ ०३ अरविंदजी राठौड, (ओ.) ३७३ ६७ १७ विनोदजी राठौड (घर) ३७२ ४३ ३५ विशेष : परम पूज्य मोहन - प्रताप के पट्टधर प. पू. युग दिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. साहेबजी की शुभ प्रेरणा से वि. सं. २०३० का माह सुदि १० को इस गृह मन्दिरजी की स्थापना हुई थी। बाद में आपश्री श्री शत्रुजय महातीर्थ पदयात्रा संघ के साथ पालीताणा चले जाने से आपकी प्रेरणा व आदेश से चेम्बुर तीर्थ से प्राप्त प्रतिमाओं की चल प्रतिष्ठा माह सुदि दुसरी तेरस शनिवार ता. १०-२-७९ को प. पू. आ. भ. श्री कीर्तिचन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. की निश्रा में खूब ठाठ माठ से हुई थी। __ इस मंदिर के संस्थापक एवं संचालक श्री सुमतिनाथ जैन संघ - डाक्यार्ड रोड है। यहाँ मूलनायक श्री सुमतिनाथ प्रभु के साथ आजूबाजूमें श्री आदीश्वरजी एवं महावीर प्रभु की आरस की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु के ५ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २ एवं अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं। इसके अलावा श्री नाकोडा तीर्थ रक्षक भैरूजी, श्री मणिभद्रवीर तथा यक्ष - यक्षिणी की प्रतिमाजी सुशोभित हैं। मन्दिरजी के भवन में नीचे उपासरा तथा उपर जिनालय हैं । यहाँ श्री वर्धमान सेवा मण्डल की व्यवस्था है। आजकल जिनालय - उपाश्रयका नवनिर्माण हो रहा है। डाक्यार्ड रोड - नया मझगाँव (३०६) श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान भव्य गृह जिनालय प्रेमसागर, चौथा माला, मझगाँव टी. टी., सेलटेक्ष ओफिस के सामने, सरदार बलवंन्तसिंग धोंदी मार्ग, मुंबई - ४०० ०१०. टे.फोन : ३७३ १२ ११ फुलजी For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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