SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 284
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra १९४ www.kobatirth.org (३०८) ७.३२ मिनट पर श्री सीमन्धर स्वामी शिखरबदी जिनालय का भूमिपूजन खनन हुआ था । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चैत्य फाउन्डेशन एवं विनोली इन्वेस्टमेन्टस प्रा. लि. वाले श्रेष्ठिवर्य श्री दलपतजी पुखराजजी जैन खीवान्दी (राज.) वालो की तरफ से इस भव्य शिखरबंदी सीमन्धर स्वामी जिनालय का निर्माण होने वाला है। मुंबई के जैन मन्दिर - भायखला (पश्चिम) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर ६६९ बी महावीर ईस्टेट, भायखला स्टेशन के नजदीक, ना. म. जोशी मार्ग, भायखला (प.), मुंबई - ४०० ०२७ टे. फोनः सरेमलजी - ३०८५१२८, मिसरीमलजी - ३०८४४ ७९ विशेष : इस गृह मन्दिरजी का खात मुहूर्त, शिलान्यास एवं चल प्रतिष्ठा वर्धमान तपोनिधि पूज्य मुनिराज श्री जिनसेनविजयजी म. एवं प्रवचनकार पूज्य मुनिराज श्री रत्नसेनविजयजी म. की पावन निश्रामें हुए थे । खात मुहूर्त :- • वि. सं. २०५२ का वैशाख सुदी २, शुक्रवार, तारीख १९ - ४-९६ को धर्मप्रेमी श्रेष्ठीवर्य शा. चम्पालालजी रतनचन्दजी के कर कमलो द्वारा हुआ था । (३०९) शिलान्यास :- वि. सं. २०५२ का वैशाख सुद ९, शुक्रवार, तारीख २६-४-९६ को धर्मप्रेमी श्रेष्ठीवर्य शा. रतनचन्दजी वाघाजी परिवार वालो के कर कमलो द्वारा हुआ था । चल प्रतिष्ठा :- वि. सं. २०५३ का वैशाख सुदी ११ रविवार ता. १८-५-९७ को हुई थी । यहाँ जिनालय में मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ, श्री आदिनाथ भगवान, श्री सुमतिनाथ भगवान की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल - १ बिराजमान हैं | लगभग २०० वर्ष प्राचीन पाषाण की तीनो प्रतिमाजी राघनपुर से लाकर यहाँ पर बिराजमान की गयी है। यहाँ लगभग ४२ वर्ष प्राचीन " श्री जैन अजित मण्डल" भक्ति भावना में अग्रसर हैं । जैन पाठशाला भी चालु है । For Private and Personal Use Only ❀ ॐ श्री शंखेश्वर पाश्सर्वनाथ भगवान गृह मन्दिर ५३९, शामजी भुवन, दुकान नं. १, ग्राउण्ड फ्लोर, बकरा अड्डा, ना. म. जोशी मार्ग, मुंबई - ४०००११. टे. फोन : ३०० १९२६ प्रफुल्लभाई विशेष : इस मन्दिर का संचालन श्री महावीर मित्र मण्डल द्वारा हो रहा हैं, यहाँ प्रथम मूलनायक
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy