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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मुंबई के जैन मन्दिर (३००) www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शिवाजी टर्मिनस - कोट विभाग श्री शान्तिनाथ भगवान शिखर बंदी जिनालय १९०/९४ बोरा बाजार, कोट मुंबई - ४०० ००१. कुलाबा, मुंबई - ४०० ००१. टे. फोन : ओ. २६१३१६३, फुलजी - २६९१७९४, २६९८६ ०७ १८९ विशेष : इस मन्दिरजी के निर्माण में एवं प्रतिष्ठा में सुप्रसिद्ध सेठ मोतीशाह के बड़े भाई श्री मचंद शाह ने सेठ प्रेमचंद रंगजी को अच्छा योगदान दिया था । मुंबई शहर का यह द्वितीय नंबर का प्राचीन जिनालय है, जिसकी प्रतिष्ठा वि. सं. १८६५ का माह वदि ५ रविवार ता. ५-२-१८०९ को भव्य ठाठ माठ से हुई थी । यहाँ के भव्य जिनालय में आरस की २६ प्रतिमाजी, चान्दी की १८ प्रतिमाजी एवं पंचधातु की ९० प्रतिमाजी हैं। रंगबिरंगे तीर्थो के दृश्य पहले और दूसरे माले पर दर्शनीय हैं। (३०१) ग्राउण्ड फ्लोर पर श्री मणिभद्रवीर एवं श्री घंटाकर्ण वीर की प्रतिष्ठा वि. सं. २०३३ का मगसर सुदि ३ बुधवार तारीख २४-११-७६ को जैन शासन के महाप्रभावक युगदिवाकर पूज्यपाद आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रभावक निश्रा में हई थी। आपश्री की प्रभावक निश्रा में आपके वि. सं. २०१४ के चातुर्मास के बाद वि. सं. २०१५ में यहाँ के संघ की तरफ से भायखला मोतीशा जिनालय के परिसर में उपधान तप की महा आराधना का बड़ा भारी आयोजन हुआ था जिसमे ४५० तपस्वी थे । श्री महावीर महिला मंडल, श्री कोट युथ सर्कल, त्री मंजिल विशाल उपासरा, आयंबिल शाला, पाठशाला, ज्ञानभंडार वगैरह की सुन्दर व्यवस्था हैं । मसजिद बन्दर - भातबाजार विभाग श्री अनन्तनाथ भगवान भव्य शिखर बंदी जिनालय ३०२/६, नरशी नाथा स्ट्रीट, खारेक बाजार, स्टे. मसजिद, मुंबई - ४०० ००९. टे. फोन :- ३४४ १९२९, ३४२१३४४ - रतिलालभाई विशेष : सुप्रसिद्ध सेठ श्री नरशी नाथा ने आज से १६५ वर्ष पूर्व वि. सं. १८९० का श्रावण वद ९ को इस प्राचीन मन्दिरजी की प्रतिष्ठा कराई थी । इस मन्दिरजी के व्यवस्थापक श्री कच्छी दशा ओसवाल जैन संघ हैं । यह सारा मन्दिर प्राचीन कांच की कलाकृति से भरपूर है । पावापुरी एवं अन्य एक मन्दिर का, ऐसे दो शो केस मन्दिरजी में दिखाई दे रहा हैं । For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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