SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 280
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १९० मुंबई के जैन मन्दिर यहाँ पर आरस के ६८ प्रतिमाजी, पंचधातु के ४८ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ८ एवं अष्टमंगल - १ कमरे में शोभायमान है। श्री अचलगच्छ की अधिष्ठायिका देवी श्री महाकाली देवी की भव्य प्रतिमाजी मूलगंभारे के पीछे की ओर चमक रही हैं। ऑफिस हॉल मे महाकाली, चक्रेश्वरीदेवी तथा पूज्य आ. भगवंत श्री कल्याणसागरसूरीश्वरजी म. की प्रतिमाजी विशेष आकर्षक है। यहाँ श्री कच्छी दक्षा ओसवाल महिला मण्डल तथा श्री अनन्त जिन महिला स्नात्र मण्डल एवं श्री अनंत जिन ज्ञानशाला की व्यवस्था है। नीचे उपासरा हॉल तथा पहले एवं दूसरे माले पर प्रतिमाजी बिराजमान है। सूचना : यह सारा विवरण प्राचीन जिनालय का लिखा गया है, फिलहाल यहाँ भव्य और सुन्दर नूतन जिनालय का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। (३०२) श्री आदीश्वर भगवान भव्य शिखर बंदी जिनालय ३२७/३५ टेम्पल बिल्डींग, नरशी नाथा स्ट्रीट, भातबाजार, मुंबई - ४०० ००९ टे. फोन : ओ. ३७५ ५४ ६४ चन्दुभाई फेमवाला ३८८ ३२ १३ विशेष : इस मन्दिरजी की प्रतिष्ठा वि. सं. १९१६ वीर सं. २३८६ का फागुन सुदि ३ शुक्रवार तारीख २४-२-१८६० को हुई थी । इस जिनालय के संस्थापक एवं संचालक श्री कच्छी विसा ओसवाल देरावासी जैन महाजन मुंबई - ट्रस्ट है। यहाँ के जिनालय में पाषाण की २० प्रतिमाजी, पंचधातु के ३५ प्रतिमाजी एवं सिद्धचक्रजी - ४ सुशोभित है। मन्दिरजी के प्रथम माले पर ओफिस है तथा श्री मणिभद्रवीर, श्री कालिकादेवी माता एवं आचार्य श्री कल्याणसागरसूरीश्वरजी म. की प्रतिमाजी शोभायमान है। आ . भगवंत स्वर्गस्थ श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म. का फोटु भी दर्शनीय है। दूसरे माले पर जिनालय और तीसरे माले पर सिद्ध चक्रजी, श्री गिरनारजी एवं श्री सम्मेत शिखरजी के भव्य पटो के दर्शन कर झुम जाते है। नयी महाजन वाडी में उपासरा, पाठशाला तथा ज्ञानभंडार की व्यवस्था हैं। अतिथि गृह व धर्मशाला केशवजी नायक रोड, चिंचबन्दर, मुंबई - ४०० ००९. विशेष :- श्री कच्छी वीशा ओसवाल देरावासी जैन महाजन संघ की स्थापना सन १८७५, वि. सं. १९३१ को हुई थी । महाजन प्रमुख रवीमजी मांडण भुजपुरीया द्वारा पंच मंजली भवन का उद्घाटन वि. सं. २०२७ का वैशाख वदी ७, सोमवार, तारीख १७-५-१९७१ को हुआ। यह भव्य अतिथि गृह एवं धर्मशाला श्री कच्छी विशा ओसवाल देशवासी जैन महाजन का अतिसुन्दर निर्माण है। यहाँ लिफ्ट की व्यवस्था है। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy