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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra १८८ (२९८) www.kobatirth.org मध्यरेलवे एवं हारबर लाईन शिवाजी टर्मिनस - कुलाबा विभाग श्री शान्तिनाथ भगवान शिखर बंदी जिनालय ३०, राजावडकर स्ट्रीट, कुलाबा, मुंबई- ४००००५. टे. फोन : बाबुलालजी पादरलीवाले - २८३ ४६६६ विशेष :- इस प्राचीन जिनालय की प्रतिष्ठा श्री विजयानंद गच्छ के परम पूज्य श्री पन्यासजी श्री गुमानविजयजी गुणरत्नसूरीश्वरजी, हीरावंत संघ के पन्यासजी श्री खुशाल विजयजी म., म. की शुभ निश्रा में वि, सं. १९२२ का जेठ सुदि ८ को हुई थी । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (२९९) मुंबई के जैन मन्दिर इस जिनालय के पहले माले पर आरस की ७ प्रतिमाजी, पंचधातु की ७ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ३, अष्टमंगल - ३, के अलावा ३ यंत्र सुशोभित हैं। मूलनायक प्रतिमाजी श्री सम्प्रति महाराजा के समय की हैं। यहाँ के मन्दिरजी का संचालन श्री मरूधर विसा पोरवाल जैन संघ पायधुनी - विजय वल्लभ चौक की तरफ से हो रहा हं । यहाँ उपासरा, पाठशाला, महिला मण्डल की व्यवस्था हैं । श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गृह मन्दिर एफ. मेकर टॉवर, गाउन्ड प्लोर, जी. डी. सोमानी रोड, कफ परेड, कुलाबा, मुंबई - ४०० ००५. टे. फोन : प्रफुलभाई - २०१११४५ विशेष : इस मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री जैन संघ कफ परेड हैं और इस मन्दिरजी की चल प्रतिष्ठा परम पूज्य आ. विजय अमृतसूरीश्वरजी म. के शिष्य आ. विजय विशालसेन सूरीश्वरजी म. के शिष्य पन्यास श्री राज शेखर विजयजी, मुनि भद्रबाहुविजयजी म. की पुनित मिश्रा वि.सं. २०४१ का जेठ सुदि ५ शनिवार ता. २५-५-८५ को हुई थी । For Private and Personal Use Only यहाँ मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी श्याम रंग के तथा आजूबाजू में श्री महावीर स्वामी और श्री पार्श्वनाथजी श्वेत आरस के है। पंचधातु के २ - प्रतिमाजी, २- सिद्धचक्रजी, १ अष्टमंगल के अलावा श्री पद्मावतीदेवी, श्री मणिभद्रवीर, श्री भैरूजी, एवं श्री घंटाकर्ण वीर की प्रतिमाजी बिराजमान हैं ।
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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