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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर - (२७५) श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान गृह मन्दिर श्री आत्मवल्लभ सोसायटी, बिल्डिंग नं. ४, पहला माला, आचोले रोड, नालासोपारा (पूर्व), जि. थाणा (महाराष्ट्र) टेलिफोन-३४३ ६० ०२ - श्री आत्मानन्द जैन सभा विशेष :- आत्म वल्लभ जैन ट्रस्ट द्वारा इस गृह मन्दिरजी की स्थापना श्री हेमराज मुरजी छेडा परिवार वालो की तरफ से वि.सं. २०४३ का अषाढ सुदि ६ को हुई थी। यहाँ के गृह मन्दिर में पाषाण की। प्रतिमाजी मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी की, तथा पंच धातु की ६ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-३, अष्टमंगल-२ शोभायमान हैं। (२७६) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर पद्मावती एपार्टमेन्ट कम्पाउण्ड में, मजरीया पार्क के बाजू में, आचोले रोड, नालासोपारा (पूर्व) जि. थाणा (महाराष्ट्र) टेलिफोन-राजुभाई-३७५ ५५ २२, मनहरभाई-९१२-४० २३५३ विशेष :- श्री आचोले श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ नालासोपारा इस मन्दिरजी के संस्थापक हैं, एवं संचालक श्री पार्श्वनाथ चेरीटेबल ट्रस्ट और श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन ट्रस्ट आगाशी हैं। परम पूज्य आ. विजय नेमिसूरि समुदाय के आ. विजय दक्षसूरीश्वरजी म. के शिष्य पन्यास श्री प्रभाकर विजयजी म. की पावन निश्रा में वि.सं. २०४७ का आषाढ सुदि ६ को चल प्रतिष्ठा हई थी। यहाँ मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान तथा आजू बाजू में श्री महावीर स्वामी की तथा श्री शान्तिनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-१, अष्टमंगल१, यंत्र-१ तथा ३ देव-देवीयो की प्रतिमाजी बिराजमान हैं। यहाँ श्री नूतन जैन पाठशाला, श्री पार्श्व जैन महिला मण्डल, श्री सामायिक मण्डल, उपासरा व चैत्र-आसौ मे ओली करने की व्यवस्था हैं। (२७७) श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान गृह मन्दिर वीरा एपार्टमेन्ट ग्राउण्ड फ्लोर, गार्डन व्युह तुलींज रोड, नालासोपारा (पूर्व), जि. थाणा (महाराष्ट्र)-४०१ २०९ टेलिफोन-९१२-३७ ४५ ५५, ३७ २५ १५ - वसंतभाई विशेष :- अचलगच्छाधिपति आचार्य श्री गुणसागर सूरीश्वरजी म. के शिष्य श्री महोदय सागरजी म. ठाणा-३ वि.सं. २०४२ के चातुर्मास अन्तर्गत १५० दिनो तक २४ घंटे तालबद्ध अखण्ड नवकार मंत्र के जाप के अनुमोदना निमित्त कच्छ कुंडरोडीया निवासी श्री कुंवरजी हेमराज छेडा परिवार For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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