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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १७२ मुंबई के जैन मन्दिर (छेडा ज्वेलर्स) की तरफ से यह आरस की देहरी तथा पंचधातु की देहरी सहित श्री वासुपूज्य स्वामी को बिराजित कर श्री अचलगच्छ जैन संघ नालासोपारा (पूर्व) को अर्पण किया गया। पूज्य आ. श्री गुणसागर सूरीश्वरजी म. आदि २४ मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि.सं. २०४३ का मगसर वदि ६ सोमवार को चल प्रतिष्ठा हुई थी। __श्री नाला सोपारा स्टेशन अचलगच्छ जैन संघ संचालित श्री वासुपूज्य स्वामी जिनालय, श्री आयंबिल खाता, श्री लक्ष्मीबेन नानजीरामजी नवावास जैन धार्मिक लायब्रेरी (ज्ञान भण्डार), श्री नानजीभाई श्री रामजीभाई जैन उपाश्रय एवं चबुतरा । इसके अलावा यहाँ श्री जयशेखर गुण सामायिक मण्डल, समयश्री गुण महिला मण्डल एवं श्री आदीश्वर जैन मंडल की व्यवस्था हैं। (२७८) श्री आदिनाथ भगवान गह मन्दिर आदीश्वर एपार्टमेन्ट कम्पाउण्ड, शान्ति नगर के पीछे, तुलींज रोड, ___ नाला सोपारा (पूर्व), जि. थाणा (महाराष्ट्र) टेलिफोन-९१२-४० २३ ७४ मनुभाई, ३८० ६५ ७१, ३८० ६५ ७२-इंदुबेन, रमेशभाई विशेष :- श्री शुभ मंगल श्वेताम्बर मू.पू. जैन संघ नालासोपारा (पूर्व)द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिरजी की चल प्रतिष्ठा परम पूज्य आ. विजय भुवनभानु सूरि समुदाय के आ. विजय हेमरत्न सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि.सं. २०५४ का जेठ सुदि १२ शनिवार ता. ६-६-९८ को हुई थी। यहाँ मूलनायक श्री आदिनाथ प्रभु २१" आजू बाजूमें श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु १७” एवं श्री चंद्रप्रभ स्वामी१७” की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की ३ प्रतिमाजी सिद्धचक्रजी-१, वीसस्थानक यंत्र-१ तथा श्री मणिभद्रवीर, श्री पद्मावती देवी एवं श्री प्रासाद देवी भी बिराजमान हैं। इइ गृह मन्दिरजी के लिये भूमि सप्रेम भेट अ.सौ. इंदुबेन रमेशचंद्र गिरधरलाल वसा आदि परिवार की तरफ से मिली हैं। यहाँ श्री आत्मवल्लभ स्वावलंबन महिला केन्द्र, श्री आत्मवल्लभ मंगल मंदिर मंडल, श्री अलर्ट यंग ग्रुप ऑफ नाला सोपारा आदि संस्थाएँ अग्रणीय है। (२७९) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर स्टेशन के नजदीक, सेन्ट्रल पार्क, यमुना बिल्डिंग, प्लोट नं. ३६-३७, नाला सोपारा (पूर्व) जि. थाणा, (महाराष्ट्र). टेलिफोन-९१२-४० ४० ७८, ४० ४० २४ - हेमंतभाई, ३६९ ११८८ निकुंजभाई. विशेष :- श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मूर्ति पूजक तपगच्छ जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिर का भूमिपूजन खनन मंगल प्रारंभ वि. सं. २०५४ वैशाख सुदि द्वितीय दसमी बुधवार For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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