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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर १६९ शंखेश्वरधाम (२७२) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान शिखरबंदी जिनालय नेशनल हाईवे रोड नं. ८, वसई - भीवण्डी रोड, पुण्यधाम, मु. कामण गाम, ता. वसई, जि. थाणा (महाराष्ट्र). टेलिफोन : ३६२ ५९ ७९ - शान्तिचन्द्र भाई, ४३७ ०१ ७१, ४३६ २३ ६१ - भाईलाल भाई, ३६७ २६ ४५, ३६३ ३० २६ - विनुभाई, ३६४ ९० ३१, ३६८ १३ ६८ - माणेकभाई। विशेष :- तीर्थ स्वरूप इस जिनालय का निर्माण परम पूज्य आ. भ. श्री विजय विक्रमसूरीश्वरजी म. सा. के दिव्य आशीर्वाद से, परम पूज्य आ. भ. श्री जिनभद्रसूरीश्वरजी म. सा. की पावन निश्रा में परम पूज्य आ. भ. श्री यशोवर्मसूरीश्वरजी म. सा. एवं परम पूज्य साध्वीजी श्री विनीतमाला श्रीजी की प्रेरणा से वसई - भीवण्डी रोड पर कामण गाँव से २ १/२ कि.मी. की दूर हो रहा हैं। उनका मुख्य सहयोग दाता श्री मती वीणाबेन शान्तिचन्द्र झव्हेरी (सुरत - वालकेश्वर - जापान) हैं। जहाँ नवकार मंत्र मंन्दिर, साधना मन्दिर आदि का आयोजन होनेवाला हैं। इस तीर्थ के मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान की भव्य प्रतिमाजी अ. सौ. वीणाबेन शांतिचन्द्र झव्हेरी द्वारा भराई गई हैं जो इसवक्त मीरा रोड के शान्तिनगर स्थित श्री आदीश्वर भगवान के गृह मन्दिर में मेहमान के रूप में बिराजमान हैं। _ वि. सं. २०५४ के साल में आसौ सुदि ११ से आपश्री की निश्रा में श्री वस्तुपालजी भीमराजजी जैन द्वारा आयोजित उपधान तप के मंगल अवसर पर यहाँ पर गृह मन्दिर की स्थापना हुई थी । जहाँ पर २२०० वर्ष प्राचीन श्री अभीझरा मुनिसुव्रत स्वामी, एवं श्री नेमिनाथ प्रभु की पाषाण की २ प्रतिमाजी, पंचधातु की ४ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल - १ बिराजमान किये थे। नोट :- वसई - नायगाँव के रेलवे स्टेशन से कामणगाम जाने के लिये बस - रीक्षा की व्यवस्था हैं। जालासोपारा (पश्चिम) (२७३) श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर ४०१+२०३ डॉ. सामेल रोड, गाँव सोपारा, स्टे. नालासोपारा, जि. थाणा (महाराष्ट्र). टेलिफोन : ९१२ - ३२२४२९ - कल्याणजी विशेष :- वीर संवत २४९७ वि. संवत २०२७ में जैन उपाश्रय की जमीन खरीदी के लिये स्व. धनजी वेलजी देढीया तथा उनकी धर्मपत्नी मांकबाई के आत्म श्रेयार्थे उनके सुपुत्र श्रीमान मावजीभाई तथा पुत्रवधू मोंघीबाईने नालासोपारा अचलगच्छ जैन संघ को आर्थिक सहयोग देकर लाभ लिया था। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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