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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर १२९ विशेष :- इस गृह मन्दिर के संस्थापक श्रीमती लीलावती चन्दुलाल वेणीचन्द शाह माणसावाला तथा संचालक श्री विजापुर सत्तावीस वीशा श्रीमाली जैन ज्ञाति मण्डल ट्रस्ट हैं । तथा प्रतिष्ठा का लाभ लेनेवाले श्रीमती परसनबेन हरगोविन्ददास दलीचन्द शाह महुडीवाले हैं। परम पूज्य आ. भगवन्त सुबोधसागरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की शुभ निश्रा में वि. संवत २०४४ का फागुण सुद ३ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ जिनालय में मूलनायक श्री संभवनाथ, श्री अनंतनाथ एवं श्री महावीर स्वामी की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की ४ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ३ एवं अष्टमंगल १ सुशोभित हैं। विशाल हॉल के रुप मे शोभायमान इस जिनालयकी दिवारो पर चारो तरफ कांच की कारीगरी से बनाये भगवान महावीर के २७ भव के चित्र, २४ तीर्थंकर प्रभु के चित्र, श्री संभवनाथ प्रभु के जीवनदर्शन के ७ चित्र तथा तीर्थो में श्री अष्टापद, श्री सिद्धाचल, श्री पावापुरी, श्री सम्मेतशिखर, श्री सिद्धचक्रजी, श्री विंशति स्थानक महायंत्र के द्दश्य दर्शनीय हैं। यहाँ पाठशाला, भक्तामर मंडल, श्री महिला मंडल, श्री जिन भक्ति मंडल भक्ति में अग्रसर हैं। कलिकाल सर्वज्ञ हेमचन्द्राचार्य चौक __ अशोक चक्रवर्ती रोड तथा श्री झालावाड जैन श्वेताम्बर संघ मुंबई द्वारा संचालित दामोदर हॉल के मेन गेट के बाहरी ओर कलिकाल सर्वज्ञ हेमचन्द्राचार्य चौक जैन शासन की शोभा बढा रहा हैं। (२१०) श्री कुंथुनाथ भगवान गृह मन्दिर समता नगर, शोपिंग सेन्टर नं. १, बिल्डींग नं. ६ के सामने, कान्दिवली (पूर्व), मुंबई - ४०० १०१. टे. फोन : ८८७ ७६ १५ - कीर्तिभाई पी. शाह विशेष :- इस गृह मन्दिर के संस्थापक एवं संचालक श्री समता नगर कान्दिवली - पूर्व जैन संघ हैं। इस गृह मन्दिरजी की चल प्रतिष्ठा परम पूज्य आचार्य भुवनभानुसूरीश्वरजी म. के शिष्य पूज्यपाद पं. श्री विमलसेन विजयजी म. पूज्य श्री देवसुन्दर विजय म. तथा पू. श्री रत्नसुन्दर विजयजी म. की निश्रा में वि.सं. २०५२ का फागुण सुदी १० बुधवार ता. २८-२-९६ को प्रात:काल सुबह नौ बजे बडे समारोह के साथ सम्पन्न हुई थी। यहाँ पाषाण की मूलनायक श्री कुंथुनाथ भगवान के साथ श्री सुमतिनाथ प्रभु एवं श्री महावीर स्वामी की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी २, अष्टमंगल १ बिराजमान हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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