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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १२८ मुंबई के जैन मन्दिर (२०८) श्री आदिनाथ भगवान शिखरबंदी महाजिनालय ___ सी-१, अरिहन्त नगर, दामोदर वाडी के सामने, सम्राट अशोक चक्रवर्ती रोड, कान्दिवली (पूर्व), मुंबई - ४०० १०१. टे. फोन : ३६३ २२ ०१, ८८७ ६७ ५० किर्तिभाई, ३६२ २० १० - हिंमतभाई विशेष:-सर्व प्रथम यहाँ श्री शान्तिनाथ झालावाड जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ की तरफसे परम पूज्य युगदिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. साहेबजी की पावन निश्रा में वि.सं. २०३२ का जेठ वद ३ सोमवार ता. १४-६-७४ को श्री शांतिनाथजी गृहमन्दिर की स्थापना हुई थी और उसमें आपकी शुभनिश्रामें चेम्बुर तीर्थ से प्राप्त धातु के श्री शान्तिनाथ आदि प्रतिमाओकी चल प्रतिष्ठा हुई थी। उसके बाद पुनः प्रतिष्ठा वि.सं. २०४१ का श्रावण सुद १३ बुधवार को परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजय सूर्योदयसूरीश्वरजी म. (उस समय पंन्यास प्रवर) की पावन निश्रा में हुई थी। उस समय चेम्बुरतीर्थ से प्राप्त मूलनायक श्री आदिनाथ प्रभु की तथा आजूबाजू में श्री गोडीजी पार्श्वनाथ, श्री वासुपूज्य स्वामी की आरस की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की ६ प्रतिमाजी, सिद्ध चक्रजी ३ तथा अष्टमंगल १ सुशोभित हैं। वि.सं. २०४७ का आषाड वद २ ता. २८-७-९१ की श्री पद्मावती देवी की प्रतिमाजी बिराजमान की गई है। यहाँ 'धर्म' आराधना भवन उपासरा, जैन पाठशाला, श्री शान्तिनाथ झालावाड महिला मंडल, श्री अरिहंत शिशु सामायिक मण्डल, श्री आदिनाथ भक्ति मंडल बैण्ड पार्टी आदि की व्यवस्था हैं। आजकाल यहाँ के संघ की तरफ से पुरा मारबल का भव्य शिखरबंदी जिनालय का निर्माण परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजयसूर्योदयसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से आपकी निश्रा में हो रहा हैं। उसका भूमि पूजन वि.सं. २०५३ का कार्तिक वद २ ता. २७-११-९६ बुधवार को और शिलास्थापना वि.सं. २०५३ का कार्तिक वद १२ ता. ७-१२-९६ शनिवार को, नूतन भव्य जिनालय के प्रेरक पू.आ.भ. श्री विजय सूर्योदयसूरीश्वरजी म.सा. एवं पू. मुनिराज श्री राजरत्नविजयजी म. की पुण्य निश्रा में धामधूम से भव्य समारोह के साथ हुई हैं। वर्तमान में सुविशाल भूमिगृह तैयार होने के बाद उपर का कार्य चल रहा है। (२०९) श्री संभवनाथ भगवान गृह मन्दिर विजापुर नगर, दामोदर वाडी के आगे, अशोक चक्रवर्ती रोड, ___ कांदिवली (पूर्व), मुंबई - ४०० १०१. टे. फोन : ८८७ ४१ ७२ विक्रमभाई मोदी, चेतनभाई For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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