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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर ७९ हैं। इस मन्दिरजी का शिलारोपण वि.सं. २०३२ का पोष वद ८ ता. २४-१-७६ रविवार को पाटण निवासी सेठ श्री रमणलाल नगीनदास शाह परिवारवालो की ओर से हुआ था। इस भव्य जिनालय की प्रतिष्ठा परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजय दक्षसूरीश्वरजी म., आचार्य श्री विजय चंद्रोदयसूरीश्वरजी म., आ. विजय अशोकचंद्र सूरीश्वरजी म. पन्यासजी श्री जयचंद्र विजयजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि.सं. २०३४ का वैशाख सुद ६ तारीख १३-५-७८ शनिवार को हुई थी। ___ मन्दिरजी में श्री मूलनायक वासुपूज्यस्वामी २१' सहित आरस की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु के ४, सिद्धचक्रजी - २, अष्टमंगल - १ तथा परम पूज्य श्री विजय वल्लभसूरीश्वरजी म. एवं आगम प्रभाकर श्री पुण्य विजयजी म. की भी प्रतिमाजी बिराजमान हैं। जिनालय में अनेक तीर्थो के दृश्य भी सुशोभित है तथा मूल गंभारे मे कांच के टुकडो की रंग बिरंगी डिझाईनो मनभावन कर दी गई हैं। ___ जुह लेन अंधेरी (प.) तुषारपार्क में पू. आ. देव श्री कीर्तिचंद्रसूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में श्री महावीर जैन विद्यालय के हॉलमें आ. श्री विजय लक्ष्मणसूरीश्वरजी जैन पाठशाळा के मकान का भव्य उद्घाटन समारंभ ता. ११-६-७८ रविवार को हुआ था सेठ श्री सुमतिलाल के कर कमलो द्वारा तथा श्री लक्ष्मण कीर्ति जैन पुस्तकालय की उद्घाटन विधि सेठ श्री दौलतराव वलीया के कर कमलो द्वारा हुई थी। यहाँ प्रतिदिन जैन - जैनेतर भाई भी पाठशाला में पढते है। यहाँ श्री महावीर महिला मंडल, श्री ऋषभ कीर्ति सामायिक मंडल तथा जुहुगली ऋषभ सामायिक मण्डल की व्यवस्था हैं। (१२६) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर ओबेराय बिल्डींग के कम्पाउण्ड में, भाग्य एपार्टमेन्ट के बाजू में, भार्डी वाडी मार्ग, स्वामी विवेकानंद रोड, अंधेरी (प.) मुंबई - ५८. टे. फोन : सतीशभाई ६२४ ८० ३९ - ६२४ ८२ २७ विशेष :- यह गृह मन्दिर श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु का हैं । यहाँ मूलनायक आरस की एक प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, अष्टमंगल - १ तथा पार्श्वयक्ष एवं पद्मावतीदेवी बिराजमान हैं। प्रथम चल प्रतिष्ठा २०४० का माह वद १ ता. ९-१२-८४ को और पुन: प्रतिष्ठा वि. सं. २०४६ के माह सुद ११ ता. २८-११-९० को हुई थी। यहाँ श्री शान्ता अमृत जिनालय, श्री शान्ता अमृत पाठशाला, एवं श्री पार्श्व महिला मण्डल की व्यवस्था हैं । इस गृह मन्दिर के व्यवस्थापक एवं संचालक श्रेष्ठीवर्य श्री सतीशभाई वोरा हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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