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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७८ मुंबई के जैन मन्दिर यहाँ पंचधातु के मूलनायक श्री संभवनाथ प्रभु तथा सिद्धचक्रजी सुशोभित हैं । उस दिन विधि विधान के लिये श्री जलदीपभाई तथा भावना में श्री वर्धमान संस्कृतिधाम वाले पधारे थे। (१२५) श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान भव्य जिनालय श्री महावीर जैन विद्यालय, जुहू गली, सी.डी.बरफीवाला मार्ग, स्वामी विवेकानन्द रोड, अंधेरी (पश्चिम) मुंबई - ४०० ०५८. टे. फोन : ओ. ६२१ ०३ ७४ एम. के. शाह ओफिस - ३४२ ९७ ३३, ३४३ ६८ ५१, घर - ६२० ६७ ३९, ६२४ ७० ९२ जी. सी. शाह घर - ६२४ ६८ २० विशेष :- महावीर जैन विद्यालय के आद्य प्रेरक युगवीर आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म. की जन्म शताब्दी भारत भर में खूब उल्लास एवं आनंदपूर्वक मनाई जा रही थी, उसी महोत्सव निमित्त आप श्री के पट्ट प्रभावक शान्तमूर्ति आ. भगवंत श्री विजय समुद्रसूरीश्वरजी म. की शुभ प्रेरणा से जुहु लेन मुंबई मे श्री महावीर जैन विद्यालय की शाखा की स्थापना हुई थी। इसका खनन - भूमिपूजन डॉ. चिमनलाल नेमचन्द श्राफ के शुभ हस्त से ता. ११-२-१९७१ को हुआ था। विद्यालय के विभिन्न विभागो का नामकरण समारंभ तारीख ११-१२-१९७३ को हुआ था। डॉ. शांतिलाल जे. शाह विद्यार्थी गृह नामकरण, कर्तव्य निष्ठ शिक्षणप्रेमी शान्ताबेन झवेरचन्द नेमचन्द मेहता के शुभहस्ते हुआ था। श्री मेहता होल सभागृह नामकरण, संस्था के ट्रस्टी और उदारदिल स्व. श्री कपूरचन्द नेमचन्द मेहता और कुंटुबीजनो के श्री मेहता चेरीटी ट्रस्ट तरफ से उदार सहयोग मिलने से भोयतलिये के सभागृह के मेहता हॉल नामकरण करने की विधि, धर्मानुरागी उदारदिल श्रेष्ठीवर्य सेठ श्री माणेकलाल चुनीलाल के शुभ हस्त हुआ था। श्री कांतिलाल सी. परीख होल' शिक्षणप्रेमी और उद्योगपति श्री कांतिलाल सी. परीख के स्मरणार्थे उदार सहयोग श्रीमती कमलाबेन कांतिलाल परीख ट्रस्ट की तरफ से मिलने से पहले माले के सभागृह को 'श्री कांतिलाल सी. परीख हॉल' नाम देने की विधि श्रीमती कमलाबेन के पिता श्री मणिलाल माणेकचन्द संघवी ने की थी। दूसरे माले के सभागृह के नामकरण विधि धर्मानुरागी उद्योगपति श्रेष्ठीवर्य श्री अमृतलाल भाणजी शापरीया के हस्त हुई थी । इस प्रकार 'श्री वल्लभ सूरीश्वरजी विद्यार्थी गृह' एवं आगम प्रभाकर पुण्य विजयजी म. सभागृह' विद्यालय की शोभा बढा रहे हैं। तैल चित्र समर्पण : समदर्शी आचार्य श्री वल्लभसूरीश्वरजी म. का तैल चित्र समर्पण की विधि खीमेल (राज.) वाले सेठ श्री उमेदमलजी राजाजी और परिवारवालोने की थी। श्री वासुपूज्य स्वामी जिनालय श्री महावीर जैन विद्यालय के कम्पाउण्ड में शोभायमान हो रहा For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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