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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org मुंबई के जैन मन्दिर विशेष :- यह मन्दिर पहले सुप्रसिद्ध उद्योगपति जैन समाज के अग्रणी सेठ स्व. भोगीलाल लहेरचन्द जव्हेरी (श्रीराम मील के भूतपूर्व मालिक) ने अपने पुराने बंगले टोप हिल बंगले मे वि.सं. १९७७ इ. सन १९२१ ई. में स्थापित किया था । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इसी बंगले के स्थान पर अलका एपार्टमेन्ट की बिल्डींग बनी। अलका एपार्टमेन्ट के "सी" विंग के पहले माले पर पुरानी प्रतिमाजी बिराजमान कर पुनः वि. सं. २०५१ का माह वद १० को चल प्रतिष्ठा हुई थी। यह मन्दिर स्व. श्री भोगीलाल लहेरचन्द गृहमन्दिर नाम से विख्यात हैं । यहाँ श्री शाति समता सामायिक मण्डल तथा अलका जैन पाठशाला तथा श्री चंपाबेन भोगीलाल पौषधशाळा की व्यवस्था हैं। (१२४) ७७ (१२३) श्री चित्रगुप्त स्वामी भगवान गृह मन्दिर विमल एपार्टमेन्ट, बी विंग, तीसरा माला, जुहु रोड, सी. डी. बरफीवाला मार्ग, स्वामी विवेकानंद रोड, अंधेरी (पश्चिम), मुंबई - ४०००५८. टे. फोन : ६२४ २३ ३४ केतनभाई, ६२०६८ ८५ रमेशभाई विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्रीमान सेठ सुमनभाई मूलचन्द शाह हैं। वर्तमान में आप आचार्य भगवन्त विजय भुवन भानुसूरीश्वरजी म. के. शिष्य आ. विजय हेमभूषणसूरीश्वरजी म. के शिष्य बनकर मुनिराज श्री संयम दर्शन विजयजी महाराज के नाम से दीक्षित हुए हैं। दीक्षा दाता आचार्य भगवन्त विजय भुवन भानुसूरीश्वरजी म. साहेब थे । उनके सुपुत्र श्री केतनभाई मन्दिरजी का सुंदर ढंग से संचालन कर रहे हैं । इस मन्दिरजी मे भावि चोवीशी के सोलहवे तीर्थकर प्रभु श्री चित्र गुप्त स्वामी विराजमान हैं । जिसकी चल प्रतिष्ठा वि. सं. २०२४ का मगसर सुद १५ शनिवार की हुई थी । श्री संभवनाथ भगवान गृह मन्दिर ए-वन, जीवन सुधा बिल्डींग, जुहु रोड, सी. डी. बरफीवाला मार्ग, स्वामी विवेकानन्द रोड, अंधेरी (पश्चिम) मुंबई - ४०० ०५८. टे. फोन : ६२५ ३९ ३८ For Private and Personal Use Only विशेष :- श्रेष्ठीवर्य श्री केतनभाई सी. शाह इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक हैं । इसकी चलप्रतिष्ठा वि. संवत २०५१ का वैशाख सुदी द्वि. ४ ता. ४-५ - ९५ गुरुवार को सुबह ६ बजकर ३० मिनिट पर उपाश्रय से बैण्ड बाजो के साथ परम पूज्य आ. श्री विजय प्रेमसूरीश्वरजी म. के शिष्य पन्यासजी श्री चन्द्रशेखर विजयजी म. की शुभ निश्रा मे तथा इनके ही परिवार के संसारी भाई मुनि श्री धर्मभूषण विजयजी म. की उपस्थिति में हुई थी ।
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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