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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ६० मुंबई के जैन मन्दिर धार्मिक शिबिर तथा तबला - हारमोनियम क्लास चलाकर समुह स्नात्र की प्रवृत्ति चलती हैं । सुबह - शाम दो टाईम पाठशाला चलती हैं। छोटा उपाश्रय हैं प्रति शनिवार की रात को आयोजन चालु हैं । यह मंदिर नवग्रह की आराधना करने के लिये उत्तम स्थान हैं । भाविको से नम्र निवेदन है की इस मन्दिरजी के दर्शन पान करके नई प्रेरणा प्राप्त करे । (९९) www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गृह मन्दिर हाजी सिद्धिक बिल्डींग, डांग वाडा, डॉ. आंबेडकर रोड, खार (प.), मुंबई - ४०००५२. टे. फोन : ओ. : ६४६ ३१ ८२, घर ६०४०६ ९०. विशेष :- परम पूज्य आ. भगवंत विजय पद्मसागरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की शुभ निश्रा में कांदिवली महावीर नगर में अंजन शलाका की हुई प्रतिभाजी बिराजमान हैं । (१००) - यहाँ पंचधातु के ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी १, अष्टमंगल १ के अलावा भैरुजी का फोटो भी सुशोभित हैं । इस मन्दिरजी के निर्माता सेठ केसरीमलजी मोतीलालजी हिराचन्दजी परिवारवाले हैं । 'अभिनंदन पत्र ' श्रावक केसरीमलजी मोतीलालजी मरलेचा परिवार खारसी निवासी की तरफ से श्री खार दांडा जैन संघ को भगवान श्री मुनिसुव्रत का गृहमन्दिर बनवाकर देवदर्शन का अवसर दिया हैं उसके लिये खार दांडा जैन संघ आपका हार्दिक अभिनंदन करता हैं । खार (पूर्व) श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गृह मन्दिर शान्ताराम भट्ट चाल, जयप्रकाश रोड, खार (पूर्व), मुंबई - ४०००५१. टे. फोन : ६४० ९४ ९७ के. डी. शाह विशेष :- श्री कच्छी विसा ओसवाल अचलगच्छ जैन संघ की स्थापना ७ जून १९८८ को हुई थी । प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. द्वारा अंजनशलाका की गई प्रतिमाजी पूज्य आचार्य श्री कलाप्रभसागरसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से सर्वोदय र्हास्पिटल घाटकोपर से लाकर यहाँ स्थापित की गयी हैं । परम पूज्य मुनिराज श्री नयनप्रभ सागरजी म. तथा महारत्न सागरजी म. की पावन निश्रा में श्रीमती देवीबेन मेघराज हंसराज छेडा ने ता. १५-८-९० को भगवान स्थापना करने का लाभ लिया हैं । For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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