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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५४ मुंबई के जेन मन्दिर (९०) श्री शीतलनाथ भगवान गृह मन्दिर भवानी कॉम्पलेक्ष ४०३ ए बिल्डिंग चौथा माला, भवानी शंकर रोड, दादर (प.), मुंबई - ४०० ०२८. टे. फोन : ४३० ०२ ४२ विशेष :- इस मन्दिरजी के संस्थापक व संचालकसेठ श्री रतनजी सुरजी देढिया है। परम पूज्य भुवन भानुसूरीश्वरजी म. के समुदायके आचार्य विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा मे वि. संवत २०४६ का जेठ वद २ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। आपका स्वभाव मिलनसार एवं समाज सेवा से ओतप्रोत है। आपको पारितोषिक के रूप में चान्दी के सिद्धचक्रजी यन्त्र तथा अभिनन्दन पत्र भी मिल चूके है । सिद्धगिरि पर हुई नवाणू यात्रा पर की गयी सेवा मे उपलक्ष्य मे मिले थे। माटुंगा (पश्चिम) (९१) श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान गृह मन्दिर १ जागृति, १४१ सेनापति बापट मार्ग, रूपारेल कॉलेज के बाजू में, माटुंगा (प.) मुंबई - ४०० ०१६. टे. फोन : ४३०६२९८ - फुलजी विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री माटुंगा रोड श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ हैं। सर्व प्रथम इस गृह मन्दिरजी की स्थापना वि. सं. २०२२ का वैशाख सुद ५ को मेहमान के रुप में प्रतिमाजी बिराजमान कर के की गयी हैं। परम पूज्य युग दिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि. सं. २०३२ का फागुण सुद १० को भव्य धाम धुम से प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ चेम्बुर तीर्थ से प्राप्त अंजनशलाका की हुई आरस की तीन प्रतिमाजी, पंच धातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी २ अष्टमंगल की १ सुशोभित है तथा दिवारो पर बने श्री गिरनारजी, श्री शत्रुजय, श्री सम्मेतशिखरजी श्री पावापुरी तीर्थो के अलावा श्री सीमन्धर प्रभु, श्री शंखेश्वर प्रभु तथा गुरु गौतम व २४ तीर्थंकर प्रभु के कांच के बनाये सुन्दर फोटो भी दर्शनीय हैं। यहाँ श्री गौतमलाल मणिलाल घडीयाली जैन पाठशाला, सुलसा सामायिक मण्डल, श्री वासु पूज्य महिला मंडल व उपासरा की व्यवस्था हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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