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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर ५३ इस गृह मन्दिरजी में पंच धातु के मूलनायक श्री शांतिनाथ भगवान की एक प्रतिमाजी - १, सिद्धचक्रजी - २ व पंचधातु की श्री पद्मावती देवी भी बिराजमान हैं। जिसकी चल प्रतिष्ठा पन्यासजी श्री चंद्रशेखर विजयजी म. की शुभ निश्रा में वि.सं. २०४४ का वैशाख सुद ३ अक्षय तृतीया के दिन हुई थी। (८८) श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर पालन सोजपार बिल्डींग, बी विंग, पहला माला, रुम नं. ३१, एस. के. बोले मार्ग, दादर (प.), मुंबई - ४०० ०२८. टे. फोन : ४२२ ८१ ३६ विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के संस्थापकजी एवं संचालकजी श्रीमान श्रेष्ठीवर्य श्री कांतिभाई घेलाभाई है। परम पूज्य आ. श्री विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी म. के शिष्य आचार्य विजय हिमांशुसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा मे वि. संवत २०४० का चैत्र सुद ६ शनिवार को चल प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ १८ अभिषेक किये हुए आरस के २ प्रतिमाजी है तथा पंच धातु के २ प्रतिमाजी एवं सिद्ध चक्रजी बिराजमान है। (८९) श्री सहस्रफणा पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर शान्ता श्याम को. ओ. सोसायटी, दूसरा माला ब्लोक नं. ९, दादर (प.) मुंबई - ४०० ०२८ टे. फोन : ४२२५१ २८ विशेष :- परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री विजय भुवन भानुसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से आ. भ. श्री जयघोषसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०४९ मई १९९३ को तलेगाम में अंजन शलाका की हुई प्रतिमाजी को ता. १०-१२-९३ को बिराजमान की गयी है। यहाँ मूलनायक श्री सहस्रफणा पार्श्वनाथ प्रभु की पंच धातु की १ प्रतिमाजी तथा १ सिद्धचक्रजी बिराजमान है। दो दवाखाना चलाते हुए भी डॉ के. रांभीया के दिल में देव गुरु धर्म के प्रति विशाल प्रेमभाव हैं। इसीलिये आपने अपने निवास स्थान पर इस गृह मन्दिर की स्थापना की है। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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