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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर ४७ विशेष :- इस गृहमन्दिरजी की आद्य प्रतिष्ठा प्राय: परम पूज्य श्री मोहनलालजी म. की पावन निश्रा में मगसर सुद ३ को हुई थी और पुन: प्रतिष्ठा प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. की पुण्य निश्रामें प्राय: वि. सं. २०१८ में हुई है। जिसके निर्माता सेठ गोकुलदासभाई मूलचंद थे। वर्तमान व्यवस्थापक श्रीमानजी सेठ श्री रमेश ए. पारेख है । यहाँ जैन बोर्डीग है जहाँ विद्यार्थीओ के रहने की उत्तम व्यवस्था है। इस गृहमन्दिर में आरस की ३ प्रतिमानी, पंचधातु की ८ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी -३, अष्टमंगल - १ बिराजमान है। यहाँ दिवारो पर शत्रुजय तीर्थ, सम्मेत शिखरजी, अष्टापदजी,श्री पावापुरी, श्री शंखेश्वर, श्री राजगीरी, श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ तथा भैरुजी का फोटू भी सुशोभित हैं। यहाँ के विभाग में आगा बिल्डींग में श्री अचलगच्छ जैन पाठशाला, महावीर होल में जैन पाठशाला, श्री जैन संस्कार मण्डल, श्री जिनगुण नरेन्द्र चारु समुह सामायिक मण्डल, श्री पार्श्व जैन मित्र मण्डल, श्री पार्श्वजैन आराधक मण्डल की व्यवस्था हैं। (७९) श्री महावीरस्वामी भगवान शिखरबद्ध जिनालय प्लोट नं. सी. एस. ८८२, जगन्नाथ भातनकर मार्ग, एलफिन्स्टन - सेनापति बापट मार्ग के जंकशन पर, हनुमान मंदिर के पास, एलफिन्स्टन मुंबई - ४०० ०१३. टे. फोन : ओ. ३०९८९ २९, ३०९ ४३ ७०, घर - ४१३ ५९ ०९, ४१३ ७४ १९. विशेष :- परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री दर्शन सागरसूरीश्वरजी म. सा. की कृपा आशिष से परम पूज्य जाप - ध्यान निष्ठ आचार्यदेव श्री चन्द्राननसागरसूरीश्वरजी म. सा. की प्रभावक निश्रा में श्री महावीर स्वामी जिनालय का भूमिपूजन वि. सं. २०५४ का फाल्गुन वदी २, रविवार तारीख १५-३-१९९८ को हुआ था। इस जिनालय के निर्माता श्रीमानजी श्रेष्ठीवर्य संघवी मदनलालजी पुखराजजी मुठलिया एवं सुपुत्र श्री विवेककुमार, श्री अक्षयकुमार आदि परिवार वाले है। आप रानी गाँव (राज.) के निवासी हैं। (८०) एलफिन्स्टन रोड (वरली विभाग) . श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृहमन्दिर ग्लोब एपार्टमेन्ट नं.१०, ग्राउण्ड फ्लोर, दीपक सिनेमा के बाजू की गली, पाण्डुरंग बुधकर मार्ग, मुंबई - १३. टे. फोन : ४९४ ५५ २८ मदनजी For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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