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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर यहाँ मूलनायक श्री आदीश्वर भगवान श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान एवं श्री चन्द्रप्रभ स्वामी भगवान की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु के २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २ एवं अष्टमंगल - १ के अलावा रंगीन कांच की डिझाईनो में २४ तीर्थंकरो के चित्र, श्री सम्मेत शिखरजी, श्री शत्रुजय तीर्थ, श्री गिरनारजी, श्री अष्टापदजी एवं पावापुरी तीर्थ सुशोभित है। बाजू में आराधना भवन है। लोअर परेल (पूर्व) ना. म. जोशी मार्ग (७७) श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर श्री शान्तिनाथ आराधना भवन, दूसरा माला, तोडी कम्पाउन्ड, __ ना. म. जोशी मार्ग, डिलाईल रोड, मुंबई - ४०० ०११. टे. फोन : ३०८ ४२ ५५ सागरमलजी, ३०८ ५४ ७१ फुलजी विशेष :- इस मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ मूर्तिपूजक संघ - डिलाईल रोड है। सर्व प्रथम प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. की शुभ प्रेरणा से वि. सं. २०३२ का श्रावण सुद ७ ता. २-८-७६ को भगवान की स्थापना हुई थी। पुनः प्रतिष्ठा परम पूज्य लब्धि - लक्ष्मण के शिशु युगप्रभाकर शतावधानी आ. विजय कीर्तिचन्द्रसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०४२ का जेठ सुद ६ ता. १३-३८६ शुक्रवार को हुई थी। यहाँ आरस की ६ प्रतिमाजी, पंच धातु की ८ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, विश स्थानक - १, अष्टमंगल - १, मूलनायक श्री शान्तिनाथ प्रभु तथा आजू बाजू में की प्रतिमाजी श्री आदिनाथ प्रभु एवं श्री महावीर प्रभु सुशोभित है । मन्दिरजी की दिवार व छत कांच की कलात्मक डिजाइनो से खुब ही आकर्षित लग रहे है। कांच की ही कारीगरी से बनाये पद्मावतीदेवी, चक्रेश्वरीदेवी, श्री भैरूजी, श्री शत्रुजय, श्री गिरनारजी, श्री सम्मेतशिखर तीर्थ व गुरु गौतम व श्री शंखेश्वर तीर्थ के फोटो भी है। यहाँ श्री नाकोडा भैरव भक्ति मण्डल व युवक मण्डल, श्री आराधना भवन महिला मण्डल, उपासरा, जैन पाठशाला व ओलीयो के दिनो में आयंबिल की व्यवस्था है। (७८) एलफिन्स्ट न रोड (वेस्ट) श्री पार्श्वनाथ भगवान गृहमन्दिर एलफिस्टन रोड रेल्वे स्टेशन के सामने, जैन बोर्डिंग पहला माला, एलफिन्स्टन रोड, मुंबई - ४००० ०१३. टे. फोन : ४२२५३ १५ ऑफिस For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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