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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर - यहाँ श्री आत्म वल्लभ जैन संगीत सेवा मंडल, श्री शांतिनाथ जैन महिला मण्डल, श्री शान्तिनाथ जैन पाठशाला एवं छोटा जैन भवन एवं बड़ा जैन भवन ये दो उपासरे की व्यवस्था है। (७५) श्री संभवनाथ भगवान गृह मन्दिर बी -८५ पंकज मेन्शन, ग्राउण्ड फ्लोर, बुद्ध मंदिर के पीछे, डॉ. एनी बेशन्ट रोड, वरली नाका, मुंबई नं.-१८. (टे. फोन : ओ. ४९५ ३४ ५८ पुखराजजी - ४९३ २४ ९६ ) विशेष :- इस मंदिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ वरली है। प्रात:स्मरणीय पूज्य आत्म-वल्लभ के पधर गच्छाधिपति आ. विजय समुद्रसूरीश्वरजी आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा मे वि. सं. २०२७ का माह सुद ६ सोमवार को भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव मनाया गया। इस शुभ अवसर पर पन्यासजी श्री इन्द्रविजयजी म. को आचार्य पदवी, आगम प्रभाकर पू. मुनिराज श्री पुण्यविजयजी, प. पू. मुनिराज श्री वल्लभदत्त विजयजी म. आदि मुनिभगवंतो का भी योग्य पदवी समारोह एवं दीक्षा महोत्सव का भव्य कार्यक्रम हुआ था। इस जिनालय में अमीझरणा भी हो चूका है । यहाँ आरस की ६ प्रतिमाजी, पंच धातु की ७ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ५, अष्टमंगल १ तथा मूलगंभारे के बाहर की ओर रंगमंडप मे श्री नाकोडा भैरुजी व चक्रेश्वरीदेवी बिराजमान है। सारा मंदिर अनेक तीर्थो के द्दश्य एवं अनेक ऐतिहासिक दृश्यो से भरा पडा है बस दर्शन करते ही जाओ आपकी नजर नही हटने वाली। यहाँ उपासरा, जैन पाठशाला, श्री वरली जैन संगीत मंडल , श्री संभवनाथ जैन महिला मंडल एवं श्री संभवनाथ जैन बालिका मंडल की व्यवस्था है। श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर पूनम एपार्टमेन्ट कम्पाउण्ड में, पुनम चेम्बर के पीछे बाजू में, ____ डॉ. अनी बेझन्ट रोड, वरली मुंबई - ४०० ०१८. टे. फोन : हसमुखभाई - ४९४ ५३ ३५, ४९७ ३९ ७१ (बी ५०२), शिवलालजी - ४९४ ५३ ५५, ४९४ ०९५५ (बी ५०५), फतेहचन्दजी - ४९४ ५० १०, ४९४ ८५ ६८ (ए २०८) विशेष :- श्री पुनम श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मंन्दिर की स्थापना सर्व प्रथम प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय म. धर्मसूरीश्वरजी महाराज से शुभ मुहूर्त निकालकर उनकी प्रेरणा व आशीर्वाद से वि. सं. २०३४ का वैशाख सुद ३ (अक्षय तृतीया) के शुभ दिन हुई थी। उसके बाद पुन:चल प्रतिष्ठा आ. भगवन्त विजय चंद्रोदयसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में विक्रम सं. २०३९ का मगसर सुद १४ तारीख २९-१२८.२ बुधवार को हुइ थी। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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