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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ४४ www.kobatirth.org (७४) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भगवान श्री शान्तिनाथ चौक गणपतराय कदम मार्ग, दैनिक शिवनेर मार्ग एवं शिवराम एस. अमृतवार मार्ग ये तीन रोड के मध्य भाग को भगवान की शान्तिनाथ चौक का नामकरण चन्दुलाल पुनमचन्द बेडावाला के सौजन्य पूज्य आ. विजय इन्द्रदिन्नसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में महाराष्ट्र विधान सभा के अध्यक्ष श्री दत्ताजी नलावडे के कर कमलो द्वारा ता. ४-२-९६ को हुआ था । मुंबई के जैन मन्दिर श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर वरली बी. डी. डी. चा. नं. १०७ के सामने, शिवराम एस. अमृतवार मार्ग, श्री राममील गली, वरली - मुंबई ४०००१३ टे. फोन : ४९२६४४७ हस्तीमलजी ४९२०५ ९७ रोशनजी विशेष :- सर्व प्रथम यहाँ प. पू. युग दिवाकर आ. भ. श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणा से उनके शिष्य पू. मुनिराज श्री कुमुदविजयजी म. पू. मुनिराज श्री पूर्णानन्दविजयजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०२१ का वैशाख सुद ३ अक्षय तृतीया के शुभ दिन भगवान की स्थापना हुई थी । श्री शान्तिनाथजी जैन मन्दिरजी के आसपास बी. डी. डी. चाल, शिवराम एस अमृतवार मार्ग, नेहरू नगर, आंबेडकर नगर आदि मूर्तिपूजक जैन समुदाय ने मिलकर नूतन जैन संघ की स्थापना की जिसका नामकरण वि. सं. २०५२ का जेठ सुद ६ ता. २३-५-९६ को श्री शांतिनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ वरली, मुं. १३ हुआ था। संघ के नामकरण कर्ता श्रेष्ठिवर्य श्री भबुतमलजी पुनमचन्दजी बांकलीवाला थे । छोटे जैन भवन का भूमिपूजन :- परम आ. विजय इन्द्रदिन्नसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में छोटे जैन भवन का भूमिपूजन शा. चम्पालालजी जुहारमलजी साकरीया परिवार की ओर से ता. २४-७-९६ को हुआ था । जैन भवन का भूमि पूजन एवं शिलारोपण:- परम पूज्य आ. विजय इन्द्रदिन्नसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में बडे जैन भवन का भूमि पूजन एवं शिलारोपण तखतगढ निवासी स्व. श्रीमती भीकीबाई भबुतमलजी रुपाजी गोल गोता परिवार की तरफ से वि. सं. २०५२ का श्रावण वद १ को ता. २९-८-९६ गुरुवार को हुआ था । For Private and Personal Use Only श्री आत्मवल्लभ समुद्रसूरि के क्रमिक पट्टधर आचार्यदेव श्री विजय इन्द्रदिन्नसूरीश्वरजी आदि मुनिमण्डल परिवार की पावन निश्रा में वि. सं. २०५३ का मगसर सुद ४ शनिवार ता. १४-१२-९६ को प्रतिष्ठा हुई थी। जिसमे मार्गदर्शक पूज्य राजेन्द्रविजयजी म. थे । यहाँ मूलनायक श्री शान्तिनाथ प्रभु की प्रतिमाजी सहित पंचधातु की ७ प्रतिमाजी, मूलनायक के आजूबाजू मे श्री धर्मनाथ भगवान एवं श्री मुनिसुव्रत स्वामी २ पाषाण की प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, अष्टमंगल १ के अलावा श्री नाकोडा भैरुजी, श्री चक्रेश्वरी देवी, श्री गौतम स्वामी तथा श्री वल्लभसूरीश्वरजी म. की प्रतिमाजी भी बिराजमान है । I
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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