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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर ४३ (७३) श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर विनय एपार्टमेन्ट, चौथा माला, गणपतराव कदम मार्ग, फरर्युसन रोड, वरली, लोअर परेल, मुंबई - ४०००१३. टे. फोन : मूलचन्दजी - ४९२ २६ ३६, उत्तमजी - ४९२ ११ २२ विशेष :- परम पूज्य युग दिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. के मार्गदर्शन और प्रेरणा से श्री मरुधरीय जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ की ओर से सर्व प्रथम श्री शांतिनाथ प्रभु आदि पंच धातु के प्रतिमाजी की स्थापना श्री राम मील गली में वि. सं. २०२१ का वैशाख सुद ३ को हुई थी। बाद में विनय एपार्टमेन्ट के चौथे माले पर एक ब्लोक में गृहमंदिर की सर्व प्रथम स्थापना वि. सं. २०३७ का जेठ वद ५ को परम पूज्य युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में हुई थी। _ विनय एपार्टमेन्ट की पहली मंजिल पर विशाल होल का निर्माण श्री संघने कराया था, जिसका नामकरण का आदेश प. पू. आ. भ. श्री विजय सूर्योदयसूरीश्वरजी म. की पुण्य निश्रा में शा. चंदुलालजी पुनमचंदजी बेडावालो ने वि.सं. २०३६ में लिया तथा २०३७ का जेठ वद ५ सोमवार ता. २२-६-८१ को शा. अमीचन्दजी कस्तूरचन्दजी बिरावत (वाली) वालो ने उद्घाटन का लाभ लिया। बाद में परम पूज्य आ. भ. श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. के. परिवार के प. पू. आ. श्री विजय सूर्योदयसूरीश्वरजी म. एवं परम पूज्य आ. विजय रामसूरीश्वरजी म. डेहला वाले के शुभ आशीर्वाद व प्रेरणा से शा. सेसमलजी लकमाजी साकरीया साण्डेराव वालो की स्मृति में श्रीमती मंछीबाई जसराजजी सांडेराव वालो ने यह मंदिरजी का ब्लोक श्री मरुधरीय जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ को वि. सं. २०४२ का श्रावण सुदी ५ रविवार ता. १०-८-८६ को अर्पण किया। __ परम पूज्य मोहन - प्रताप - धर्मसूरीश्वरजी समुदाय के प. पू. आ. भ. श्री सूर्योदयसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि. सं. २०५२ का जेठ सुद १२ तारीख ३०-५-९६ को प्रतिष्ठा महोत्सव बडी धामधूम से हुआ था। यहाँ मूलनायक श्री शांतिनाथ, श्री जीरावला पार्श्वनाथ, श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान आदि पाषाण की ५ प्रतिमाजी, पंच धातु की ७ प्रतिमाजी सिध्दचक्रजी - ३, अष्टमंगल - १, विशस्थानक१ तथा शत्रुजय पट के अलावा, श्री मणिभद्रवीर, श्री नाकोडा मैरुजी, श्री चक्रेश्वरी देवी, श्री निर्वाणीदेवी भी बिराजमान है। श्री आत्म वल्लभ जैन सेवा मंडल की ओर से श्री शांतिनाथजी पाठशाला का संचालन हो रहा है । इस पाठशाला से धार्मिक शिक्षण प्राप्त कर चार बालिकाओने जैन दीक्षा ग्रहण की थी। दिवालीबेन भबुतमलजी पू. साध्वीजी दिव्यप्रभाश्री म., संगीताबेन जीवराजजी पू. साध्वीजी श्री कल्परसाश्रीजी म., सरोजबेन जसराजजी पू. साध्वीजी दिव्यज्योतिश्रीजी म., सरोजबेन सुकनराजजी पू. साध्वीजी सुनयपूर्णाश्रीजी म. जिनकी हम अनुमोदना किये बिना न रह सकते। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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