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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४० मुंबई के जैन मन्दिर (६७) श्री नमिनाथ भगवान भव्य शिखर बंदी जिनालय बिल्डींग नं. ३१, कामाठीपुरा ८ वी गली, मुंबई-४०० ००८. टे. फोन : ३०८ ७९१३ ओ. ३७१ ९९ ७४, ३४२ ०० २७ सोहनजी वाणी गोता विशेष :- सर्व प्रथम राजस्थान भीनमालवासी भाईयो ने मिलकर कामाठीपुरा जैन संघ की स्थापना की थी। जैन भिक्षु रंगविजयजी म. की शुभ प्रेरणा से व निश्रा में वि.सं. २०२१ माह सुद ७ को मूलनायक श्री नमिनाथ भगवान की स्थापना हुई थी। उस समय से यहाँ के संघ में उपासरा, जैन पाठशाला तथा वर्धमान तप आयंबील की व्यवस्था हैं जो आज दिन तक नियमित चल रहे हैं। जिनालय की बिल्डींग का पुन: नूतन निर्माण होता गया तथा एक भव्य शिखर बंदी जिनालय की रचना हुई । जिनालय की सुन्दरता में कांच की कारीगरी के द्दश्य का विशेष महत्व पूर्ण स्थान हैं। ___ चार मंजिल के भवन में ग्राउण्ड फ्लोर पर आयंबिल शाला प्रथम-द्वितीय माले पर जिनालय और चौथे माले पर उपाश्रय हॉल हैं। श्री नमिनाथ जैन मंदिर ट्रस्ट मण्डल एवं श्री राजस्थान जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ की तरफसे मन्दिरजी की नूतन प्रतिष्ठा आचार्यदेव राजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज के समुदाय के श्रीमद् विद्याचंद्रसूरीश्वरजी म. के पट्टप्रभावक आ. देव श्रीमद् हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म. तथा विमल गच्छ के पू. पन्यास प्रवर श्री प्रद्युम्नविमलजी म. आदि मुनि भगवन्तो की शुभ निश्रा में अंजनशलाका वि. सं. २०५२ का माह सुद १२ गुरुवार ता. १-२-९६ तथा प्रतिष्ठा वि. सं. २०५२ का माह सुद १३ शुक्रवार ता. २-२-९६ को ८ दिन के भव्य महोत्सव के साथ सम्पन्न हुई थी। यहाँ के जिनालय में मूलनायक सहित आरस की ५ प्रतिमाजी, पंचधातुकी प्रतिमाजी - सिद्ध चक्रजी - अष्टमंगल ५० के करीब हैं। वि. सं. २०४७ का आषाढ वद ६ गुरुवार को मुनिराज श्री लक्ष्मणविजय म. की निश्रा में प्रतिष्ठा की हुई राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. की प्रतिमाजी, गुरुगौतम स्वामी, श्री मणिभद्रवीर, श्री घंटाकर्ण वीर, श्री नाकोडा भैरूजी की प्रतिमाजी बिराजमान हैं। यहाँ श्री राजेन्द्र मण्डळ लोकप्रिय हैं। (महालक्ष्मी - सात रास्ता (६८) श्री अरनाथ भगवान गृह मन्दिर १२/८ पहला माला, शान्ति नगर, साने गुरुजी रोड - आर्थर रोड, कस्तूरबा हॉस्पिटल के सामने, मुंबई - ४०० ०११. टे. फोन : ३०९ ६९ ३२ - प्रेमजीभाई, ३०८ ३२ १६ - जेठालालभाई विशेष :- श्री शान्तिनगर अचलगच्छ जैन संघ की तरफसे इस गृहमंदिर की स्थापना वि. संवत २०५३ का श्रावण वद ५ शुक्रवार ता. २२-८-९७ को हुई थी। विधिकार श्री नरेन्द्रभाई नन्दुने चल प्रतिष्ठा विधि कराई थी। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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