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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३६ मुंबई के जैन मन्दिर मुंबई सेन्ट्रल (पश्चिम) ताडदेव विभाग (६०) श्री अजितनाथ भगवान गृह मन्दिर कुमुद मेन्शन, ग्राऊण्ड फ्लोर, दीनानाथ मंगेशकर मार्ग, फोर जेट हिल रोड क्रांतिवीर वसन्तराव नाईक पथ, ताडदेव, मुंबई - ४०० ०३६. टे. फोन : ओ. ४९४ ११ ६७ कुमुदबेन - ३६४ ११ २६, शशिकान्तभाई - ३८८ ३२ ७० विशेष :- परम पूज्य आ. विजय रामचन्द्रसरीश्वरजी महाराज की आज्ञावर्ती प.पू. साध्वीजी भद्रपूर्णाश्रीजी, प.पू. निरंजनाश्रीजी म., प. पू. सूर्यप्रभाश्रीजी म. के शिष्या प.पू. पुन्यप्रभाश्रीजी म. की शुभ प्रेरणा से इस गृह मन्दिर का निर्माण हुआ हैं। निर्माणकर्ता और संस्थापक श्रीमान श्रेष्ठिवर्य श्री हसमुखलाल चुनीलाल मोदी और कुमुदबेन हसमुखलाल मोदी है। परम पूज्य रामचन्द्रसूरीश्वरजी म. समुदाय के आचार्य विजय मित्रानन्दसूरीश्वरजी म., आ. चंद्रोदयसूरीश्वरजी म., मुनिराज श्री नयवर्धनविजयजी म. की पावन निश्रा मे वि.सं. २०४९ का मगसर सुद १० ता. ४-१२-१९९२ को प्रतिष्ठा हुई थी। ____ यहाँ पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की २, सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल - १ तथा गौतम स्वामी की १ प्रतिमाजी शोभायमान हैं। यहाँ के मूलनायक श्री अजितनाथ प्रभु की प्रतिमाजी संप्रति महाराजा के समय की २२०० वर्ष प्राचीन हैं, जो उवासद गाँव से लाई गयी हैं तथा श्री संभवनाथ प्रभु व श्री पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा ५०० वर्ष प्राचीन हैं जो बडनगर से लाई गयी हैं। यहाँ भद्र-सूर्य-मनोरम-निरंजनाश्रीजी जैन पाठशाला तथा श्री अजित - मनोरम भक्ति मंडल तथा श्री अजित - रामचन्द्रसूरि स्नात्र मंडल की व्यवस्था हैं। (६१) __ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर २७८, ताडदेव रोड, मातृमन्दिर, ग्राउन्ड फ्लोर, बिल्डींग के पीछे की ओर भाटिया हॉस्पिटल के सामने, मुंबई - ४०० ००७. टे. फोन : सुरेशभाई - घर : ३८८ ६५ २६ ऑ. ३४४ २६ २९ विशेष :- 'मातृमन्दिर' यह २४ मंजिल की बिल्डींग भाटिया हॉस्पिटल के ठीक सामने की लाईन में आई है। मेन गेट से प्रवेश होकर पीछे के भाग की ओर मन्दिर आया हैं। ___ इस मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री गुरु कृपा मातृमन्दिर जैन संघ है। परम पूज्य युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. की शुभ प्रेरणा से इस मन्दिर की स्थापना हुई थी और वि.सं. २०३३ का श्रावण सुद १० को चल प्रतिष्ठा हुई थी । चेम्बुर में अंजनशलाका की हुई प्रतिमाजी बिराजमान हैं। यहाँ मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ आजू बाजू में श्री वासुपूज्य स्वामी तथा श्री शान्तिनाथ For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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