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जाँचना। (द्वा.१८) अपत्तमिदि संपरिखेज्जो। संपरिखेज्जो (वि. आ.प्र.ए.द्वा.१८) संपसंस वि [संप्रशंस] प्रशंसायोग्य। (चा.१३)
उच्छाहभावणासंपसंससेवा। (चा.१४) संपुण्ण वि [संपूर्ण] पूर्ण, पूरा, सम्पूर्ण। (प्र.चा.७२, निय.१४७) -सामण्ण न [श्रामण्य] सम्पूर्ण श्रमणता, सम्पूर्ण साधुपन। इह सो संपुण्णसामण्णो। (प्रव.चा.७२) संबंध पुं[सम्बन्ध] संसर्ग, संग, संगति, संयोग। (स.५७) एएहि य
संबंधो। संबंधि वि सिम्बन्धिन्] सम्बन्ध रखने वाला।
मादुपिदुसजणभिच्चसंबंधिणो। (द्वा.३) संबद्ध वि [सम्बद्ध] सहित, युक्त। (प्रव.९१,८९)
दव्वत्तणाहिसंबंद्ध । (प्रव.८९) संभव अक [सं+भू] संभावना होना, उत्पन्न होना। आदेसवसेण संभवदि। (पंचा.१४) संभवदि (व.प्र.ए.पंचा.१४) संभव पुं [संभव] उत्पन्न, उत्पत्ति। (प्रव.१७,५१) ठिदिसंभवणाससंबद्धो। (प्रव.जे.७) -परिवज्जिद वि परिवर्जित उत्पत्ति रहित। (प्रव.१७) -विहीण वि [विहीन] उत्पत्ति से रहित। भंगो वा णत्थि संभवविहीणो। (प्रव.जे.८) संभास पु [संभाष] संभाषण, वार्तालाप, समालाप। (प्रव.चा.५३)
लोगिगजणसंभासा। संभूद वि [संभूत] उत्पन्न, संजात, पैदा हुआ। (पंचा.१४८,
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