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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 65 रघुवंश प्रेमदत्तवदनानिलः पिवन्नत्यजीवदमराललेकश्वरो। 1975 तब राजा अग्निवर्ण प्रेमपूर्वक फूंक मार-मारकर उनके मुख चूमने लगता था, उस समय वह समझता था कि मैं इन्द्र और कुबेर से भी बढ़कर सुखी और भाग्यवान हूँ। कुबेर :-[कुत्सितं बे[वे]रं शरीरं यस्य सः] धन दौलत और कोष का स्वामी, उत्तर दिशा का स्वामी। गामात्तसारां रघुरप्यवेक्ष्यतिष्क्रष्टुमर्थं चकमे कुबेरात्। 5/26 रघु ने भी देखा कि पृथ्वी पर तो धन नहीं हैं, इसलिए उन्होंने निश्चय किया कि कुबेर से ही धन लिया जाय। तं भूपतिर्भासुर हेमराशिं लब्धं कुबेराद भियास्यमानात्। 5/30 रघु की चढ़ाई की बात कान में पड़ते ही कुबेर ने रात को ही सोने की वर्षा कर दी थी, वह सोने का ढेर ऐसा चमक रहा था। यम कुबेर जलेश्वरवज्रिणां समधुरं मधुरं चित विक्रमम्। 9/24 यम, कुबेर, वरुण और इन्द्र के समान पराक्रमी उन एकच्छत्र राजा का अभिनंदन करने के लिए वसंत ऋतु भी। 3. कैलासनाथ :-[के जले लासो दीप्तिरस्य-कैलास+अण्+नाथ] कुबेर का विशेषण, शिव का विशेषण। सामंत संभावनयैव धीरः कैलासनाथं तरसा जिगीषुः। 5/28 मैं अकेला ही महाप्रतापी कैलास के स्वामी कुबेर को छोटे से राजा के समान सहज में जीत लूँगा। कैलास नाथोद्वहनाय भूयः पुष्पं दिवः पुष्पकन्वमंस्त। 14/20 तब राम ने उस स्वर्ग के फूल के समान पुष्पक विमान को कुबेर के पास जाने की आज्ञा दी। 4. धनद् :-[धन्+अच्+दः] कुबेर का विशेषण। यथा साधारणीभूतं नामास्य धनदस्य। 17/80 उनका अतिथि ने इतना सत्कार किया कि लोग इन्हें भी दूसरा कुबेर कहने लगे। 5. नरवाहन :-[नृ+अच्+वाहनः] कुबेर का विशेषण। विजय दुंदुभितां ययुरर्णवा घनरवानरवाहन संपदः। 9/11 कुबेर के समान संपत्तिशाली दशरथ जी चलते थे तो बादल के समान गरजता हुआ समुद्र उनकी विजय दुंदुभी बजाता था। For Private And Personal Use Only
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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