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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 66 www. kobatirth.org -: Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कुश 1. कुश :- [ कु+ शी+ड] राम के बड़े पुत्र का नाम । यत्कुंभ योनेरधिगम्य रामः कुशाय राज्येन समं दिदेश । 16 / 72 राम को अगस्त्य ऋषि ने जो जैत्र आभूषण दिया था, उसे राम ने राज्य के साथ ही कुश को दे दिया था । 2. मैथिल कुश का विशेषण | इत्थं नागस्त्रिभुवन गुरो रौरसं मैथिलीयं लब्ध्वा बन्धुं तमपि च कुशः चमं तक्षकस्य । 16/88 इस प्रकार नागराज कुमुद ने त्रिलोकीनाथ विष्णु के सच्चे पुत्र कुश को अपना संबंध बनाकर गरुड़ से डरना छोड़ दिया, कुश ने भी नागराज तक्षक के । केतु कालिदास पर्याय कोश 1. केतन :- [ कित् + ल्युट् ] पताका, झंडा, घर, आवास । कुसुमचापतेजयदंशुभि हिमकरो मकरोर्जितकेतनम् । 9 / 39 उसकी ठण्डी किरणों से कामदेव के फूलों के धनुष को मानो और भी अधिक बल मिल गया हो । 2. केतु : - [ चाय् + तु, की आदेश: ] पताका, झंडा । अहिताननलिोद्भूतैस्तर्जयन्निव केतुभिः । 4/28 वायु के लगने से सेना की जो झंडिया फरफरा रही थीं, वे मानो शत्रुओं को उँगली उठा-उठाकर डाट रही थीं। निवेशयामास विलंघिताध्वा क्लान्तं रजोधूसरकेतु सैन्यम् । 5/42 अपनी उस थकी हुई सेना का पड़ाव डाला, जिसकी पताकाएँ मार्ग की धूल लगने से मटमैली हो गई थीं। For Private And Personal Use Only यैः सादिता लक्षित पूर्वकेतूंस्तांनेव सामर्षतया निजघ्नुः । 7/44 वे अपने सारथियों को बहुत बुरा-भला कहन लगे और जिनकी मार से वे घायल हुए थे, उन्हें रथ के झण्डों से पहचान-पहचान कर मारने लगे । सशोणितैस्तेन शिलीमुखाग्रैर्निक्षेपिताः केतुषु पार्थिवानाम् । 7/65 उन मूर्च्छित पड़े हुए राजाओं की ध्वजाओं पर रुधिर से सने बाणों की नोकों से यह लिख दिया गया।
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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