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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 64 www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कालिदास पर्याय कोश असूत् पुत्रं समये शची समा त्रिसाधना शक्तिरिवार्थमक्षयम् । 3/13 जिस प्रकार राजा अपनी तीन साधनों वाली शक्ति से अचल संपत्ति पा लेता है, वैसे ही इंद्राणी के समान तेजवाली सुदक्षिणा ने भी वह पुत्र उत्पन्न किया । स राजलोकः कृतपूर्व संविदारंभसिद्धौ समयोपल्भ्यम्। 7/31 इन राजाओं ने मिलकर पहले ही निश्चय कर लिया था, कि जब अज । किरीट 1. किरीट :- [ कृ + कीटन् ] मुकुट, ताज, चूड़ा, शिरोवेष्टन । वज्रांशुगर्भांगुलिरंध्रमेकं व्यापारयामास करं किरीटे। 6/19 एक दूसरा राजा बार-बार अपने हाथ से उस मुकुट को सीधा कर रहा था, जो पहले से ही सीधा था । दशाननकिरीटेभ्यस्तत्क्ष्णं राक्षस श्रियः । उसी समय रावण के मुकुट के मणि गिर पड़े मानो राक्षसों की लक्ष्मी । 2. मुकुट :- [ मंक्+उटन, पृषो०] ताज, किरीट, राजमुकुट । चरणयोर्नखरागसमृद्धिभिर्मुकुटरत्न मरीचिभिरस्पृशन् । 9 / 13 वे मुकुट वाले सिर रख दिए, जिनके मणि दशरथजी के पैर के नखों की ललाई दमक उठते थे। 3. मौलि :- [ मूलस्या दूर भवः इञ् ] ताज, किरीट, मुकुट । जो विश्रामयन्राज्ञां छत्रशून्येषु मौलिषु । 4 / 85 धूल हारे हुए राजाओं के छत्र-रहित मुकुटों पर बैठती चलती थी। प्रस्थान प्रणतिभिरंगुलीषु चक्रुमलिस्रकच्युतमकरंदरेणु गौरम् | 4 / 88 उस समय उन राजाओं के सिर की मालाओं से जो पराग गिर रहा था, उससे रघु के चरणों की उँगलियाँ गोरी हो गईं। कुबेर 1. अलकेश्वर : - [ अल्+क्वन्+ईश्वरः ] अलका का स्वामी कुबेर । न मैथिलेयः स्पृह्यांबभूव भर्त्रे दिवो नाप्यलेकश्वराय । 16/42 न तो कुश को सुंदर-सुंदर अप्सराओं से भरे स्वर्ग के स्वामी बनने की इच्छा रह गई और न असंख्य रत्नों वाली अलकापुरी को ही लेने की । For Private And Personal Use Only
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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