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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 202 www. kobatirth.org कालिदास पर्याय कोश जैसे लू के लगने से लता के फूल झड़ जाते हैं और वह सूखकर पृथ्वी पर गिर पड़ती है। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पूर्व 1. पूर्व :- [ पूर्व+अच्] पूर्वी, पर्व दिशा में स्थित, पूर्व में, पूर्व दिशा । स सेनां महतीं कर्षन्पूर्वसागरगामिनीम् । 4/32 अपनी विशाल सेना के साथ जब वे पूर्वी समुद्र की ओर जा रहे थे । 2. प्राची : - [ प्र+अञ्च + क्विन् + ङीप् ] पूर्व दिशा । सयौ प्रथमं प्राचीं तुल्यं प्राचीनबर्हिषा । 4/28 इन्द्र के समान प्रतापी राजा रघु पहले दिग्विजय के लिए पूर्व की ओर चले । पौलस्त्य 1. दशकंठ :- [ दंश्+कनिन् +कण्ठः ] रावण के विशेषण, रावण । दशपूर्वरथं यमाख्यया दशकंठारिगुरुं विदुर्बुधाः । 8 / 29 राम के पिता थे, जिन्होंने दस सिर वाले रावण को मारा था और जिन्हें पंडित लोग दशरथ कहते हैं। रामेण मैथिलसुतां दशकंठकृच्छात् प्रत्युद्धतां धृतिमयीं भरतो ववन्दे । 13/77 वैसे ही राम ने रावण रूपी संकट से जिसे उबार लिया था, उस विमान में बैठी हुई सीताजी को भरत ने जाकर प्रणाम किया । 2. दशमुख :- [ दंश् +कनिन् + मुखः ] रावण का विशेषण । सीतां हित्वा दशमुखरिपुर्नोपयेमे यदन्यां तस्या एव प्रतिकृतिसखो यत्क्रतूनाजहार। 14 / 87 रावण के शत्रु राम ने सीता को त्यागकर किसी दूसरी स्त्री से विवाह नहीं किया, वरन् अश्वमेध यज्ञ करते समय उन्होंने सीताजी की सोने की मूर्ति को ही अपने बाएँ बैठाया था । निर्वत्यैवं दशमुखशिरश्छेद कार्यं सुराणां । 15 / 103 विष्णु भगवान् ने इस प्रकार रावण का वध करके देवताओं का कार्य पूरा किया। 3. दशानन :- [ दंश+कनिन् + आननः ] रावण के विशेषण | दशाननकिरीटेभ्यस्तत्क्षणं राक्षसश्रियः । 10/75 For Private And Personal Use Only
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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