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प्लुत
प्लुत पुं० [सं.] 'पोई'; घोडानी एक रवाल ( २ ) प्लुत स्वर (३) वि० प्लावित; तरबोळ
फंक स्त्री० फांक; चीरी फंका पुं० फाको (२) फांक; चीरी फंकी स्त्री० फाकी
देना,
फंग (प.), फंद, दा पुं० फंद; बंधन; जाळ; कपट [ फसावुं फंदना अ० क्रि० ( प. ) फंदमां पडवु फंदवार वि० फंदामां नांखनार फंदा पुं० जुओ 'फंद'. - छुड़ाना = फंदामांथी मुक्त करवुं. - लगाना = फंदामां फसाववुं पड़ना, लगना = फंदामां पडवूं के फसावुं फंदाना स०क्रि० फंदमां नांखबुं फँसना अ०क्रि० फसावुं (प्रेरक फँसाना) फँसिहारा वि० फसावनार ( स्त्री०, - रिन ) फ़क़ वि० [ अ ] फग; सफेद (२) विवर्ण फक्किका स्त्री० [सं.] कोयडो; प्रश्न (२) फसामणी
फ़क़त अ० [ अ ] फक्त; केवळ; मात्र फ़क़ीर पुं० [ अ ] फकीर साधु ( २ ) भिखारी (३) गरीब- निर्धन माणस. -री स्त्री० फकीरपणुं
फ़क्र स्त्री० [ अ ] दीनता (२) फकीरी (३) जरूर पूरती ज कामना होवी ते फ़खर, फ़ा [फा.] पुं० घमंड; शेखी फ़ख़ीर वि० [ अ ] घमंडी; शेखी [अ० गर्वपूर्वक फ़ा पुं० [फा.] जुओ 'फ़खर - स्त्रिया
मारनार
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फ
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फटका
प्लेग पुं० [इं.] कोगळियु; प्लेग रोग प्लैटफार्म पुं० [इं. ] प्लॅटफॉर्म फलाट प्लैटिनम पुं० [इं.] एक कीमती धातु
फगुआ पुं० होळी (२) फाग. - खेलना या मनाना = होळी रमवी. रंग गुलाल वगेरे नांखवां फगुहारा पुं० फगवो; घेरैयो फ़ज ( - जि) र स्त्री० [अ] सवार फ़जल पुं० जुओ 'फ़ज़्ल ' फ़जा स्त्री० [अ.] खुल्लुं मेदान ( २ ) शोभा
फ़जिर स्त्री० जुओ 'फ़जर'
फ़जिता पुं०, ती स्त्री० फजेतो; 'फ़ज़ीहत'
फ़ज़ीलत स्त्री० [अ०] मोटाई; श्रेष्ठता. -की पगड़ी = विद्वत्तानुं आदरमान फ़जीहत, ती स्त्री० [अ०] फजेती; दुर्दशा के बदनामी
फ़जूल वि० जुओ 'फुजूल' ० खर्च वि० उडाउ. ०खर्ची स्त्री० अपव्यय;
उडाउ
फ़ज्ल पुं० [अ०] अधिकता ( २ ) कृपा; दया फट ( - टि) क पुं० ( प. ) स्फटिक (२) अ० फट दईने; झट
फटकन स्त्री० झटकामण; उपणामण फटकना स०क्रि० झाटकवुं, ऊपणवु. -पछोरना = झाटकीने साफ करवुं (२) बरोबर तपासीने जोवुं फटका पुं० पींजणनो धोको (२) फट अवाज करे एवं ते
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