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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir फटकार ३४६ फन्त्री फटकार स्त्री० वढ, ते; झाटकणी; फड़फड़ाना स० क्रि० फफडाव, (२) ठपको. -खाना = तफडवू (२) ठपको अ०क्रि० फफडवू; डरQ (३)आतुर होवू खावो. -बताना= ठपको आपवो फड़बाज पुं० पोताने त्यां बोलावी फटकारना सक्रि० फटकारवू(२)झटको जुगार खेलावनार [फडियो; कणियो मारी खंखेरवु (३) पटकी पछाडीने फड़िया पुं० जुओ ‘फड़बाज़' (२) धोवू (४) मेळवq; काढी लेवु (५) फण पुं०,-णा स्त्री० [सं.] सापनी फेण. झटका साथे दूर फेंक (६) साफ ०धर, -गी पुं० साप । साफ ने सखत वात कही चूप कर; फ़तवा पुं० [अ.] फतवो; धर्मनी आज्ञा झाटकणी काढवी; ठपको आपवो फ़त (-ते)ह स्त्री० [अ. फ़तह] फतेह फटना अ०क्रि० फाटवं पहोंचवं फतिंगा पुं० ऊडनारुं जीवडु (२) पतंगियुं फट पड़ना अ०क्रि० ओचितुं आवी फ़तीलसोज पुं० [फा.] दीवी फटफट स्त्री० फटफट अवाज(२)बकवाद. फतीला पुं० [अ.] पलीतो -होना=बोलाबोली के तकरार थवी फ़तूर पुं० 'फ़तूर'; फितूर (२) विघ्न; फटफटाना सक्रि० फडफडावQ (२) बाधा (३) दोष; विकार बकवाद करवो फ़तूरिया वि० फितूरी; उपद्रवी फटसे अ० फट दईने; झट। फ़तूह स्त्री० [अ. 'फ़तह - ब. व.] फतेह फटिक पुं० (प.) स्फटिक (२) संगेमरमर फ़तूही स्त्री० [अ.] सदरो (२) लूट फटा पुं० फाट; छेद (२) स्त्री० [सं.] के लडाईनो माल सापनी फणा (३) गर्व; शेखी (४) फ़ते, ०ह स्त्री० जुओ 'फ़तह' छळ; दगो. फटमें पाँव देना=कोईना फदकना अ०क्रि० फदफदवू; खदखदQ झघडामां वच्चे पडq. फटे हालों फन पुं० फणा; फेण । रहना = बूरी दशामां होवू फ़न पुं० [फा.] खुबी (२) विद्या; कळाफट्टा,-ट्ठा पुं० वांसजें खपाटियु (२) कौशल्य (३) फंद; छळ सापनो) टाटियु. -उलटना, -लौटना=देवाळ फनकार स्त्री० फू अवाज (जेम के, नीकळवू फनगना अ० क्रि० फणगो फटवो फड़ स्त्री० जुगारखानु (२) दाव (३) फनगा पुं० फणगो; अंकुर (२) जुओ सोदा करवान बजार के जगा __ 'फतिंगा' फड़ पुं० जुगारनो अड्डो के तेनो दाँव फनस पुं० फणस फळ (२) दुकानदारनी बेठक फ़ना स्त्री० [अ.] नाश; खुवारी (२) फड़कना अ०क्रि० फरकवू (२) धबधबवू; । समाधिमां लीन थq ते; तादात्म्य ऊछळवू. फड़क उठना या जाना=राजी फ़ना-फ़ी-अल्लाह पुं० [अ.] ईश्वरमां राजी थई जवं तन्मय दशा फड़नवीस पुं० (मराठा काळमां) एक फ़नून पुं० ब० व० जुओ 'फुनून' मोटो महेसूली के खजानानो अमलदार फनी स्त्री० फाचर (२) साळनी फणी For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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