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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५२० सुधारो सुसासन न० सुखद आसन; सुखासन सुतारकाम न० लकड़ी घड़नेका काम; (२) पालकी; सुखासन बढ़ईगिरी; सुतारी सुखियाई, सुलियं वि० सुखी; सुखिया सुतारी वि० बढ़ईका; बढ़ई-संबंधी सुगरी स्त्री० एक चिड़िया; बया (२) स्त्री० सुतारी; बढ़ईगिरी सुगंध पुं०;स्त्री०, (-बी) स्त्री० सुगंध; सुचार(काम, -री) देखिये 'सुतार' आदि [सुदी; उजेला पाख सुगंधीवार वि० सुगंधी; खुशबूदार सुब अ० शुक्ल पक्षमें (२)स्त्री० सुदि; सुगाई अ० क्रि० घिनाना; नफ़रत सुदामा पुं० सुदामा; श्रीकृष्णका एक करना; किसी चीज आदिसे भागना सहपाठी (२) कंगाल मनुष्य [ला.] । सुगाळ वि० खूब सस्ता; अल्प मूल्यका [ना तांदुल = गरीबका उपहार.] सुपाळ (05-5) वि० जल्द घिन या सुदामापुरी स्त्री० सौराष्ट्रका एक नफ़रत करनेवाला; किसी चीजसे नगर;पोरबन्दर(२)[ला.] कंगालका निवासस्थान भागनेवाला : सुदि अ० देखिये 'सुद सुघर वि० साफ़; स्वच्छ (२) चतुर; सुधरतुं अ० क्रि० सुधरना; अच्छा होना कुशल; सुघड़ (३) विवेकी; ज्ञानी; सुपराई स्त्री० सुधार; सुधराई (२) समझदार नगरपालिका; म्युनिसिपैलिटी सुबरता, सुषगई स्त्री स्वच्छता (२) सुबराबवंस०कि. 'सुधरतुं' का प्रेरणासुघड़ता; सुघड़ाई; कुशलता र्थक; सुधरवाना; गलती दुरुस्त कराना सुपरी स्त्री० देखिये 'सुगरी'; बया। सुषार पुं० सुधार; इसलाह संस्कार सुजाण वि० सुजान;ज्ञानी; समझदार सुधारक वि० सुधारक; सुधार करनेसुजात वि० सुजात; कुलीन (२) सुन्दर; वाला (२)पुं० ऐसा व्यक्ति; सुधारक सुजात; सुगठित सुमारण न०,(मा) स्त्री० सुधारना; सुमार, स० कि० 'सूम' का प्रेरणा सुधार; संस्कार; इसलाह र्थक; सुझाना; दिखाना; सूचित करना सुधार, स० क्रि० अच्छा करना; सुडताळीस वि० संतालीस; ४७ बिगड़े हुएको बनाना; सुधारना (२) मुंगेल वि० सुडौल; सुंदर; सुगठित छीलना (तरकारी); मरम्मत करना; सुगवं स० क्रि० सुनना दुरुस्त करना (मकान, यंत्र आदि)(३) सुगाव, स० क्रि० 'सुणतुं' का प्रेरणा- ग़लती दूर करके सही करना या र्थक सुनाना [सुगम; सुबोध लिखना; सुषारना; संस्कार करना सुतर वि० (२) अ० सरल; यासान; सुबाराब, स० क्रि० देखिये 'सुषराव,' सुतराउ वि० सूतका बना हुआ; सूती सुषारो पुं० सुधार; सुधरना; दोष या सुतरं वि० देखिये 'सुतर विकृतिका दूर होना; अच्छी स्थिति सुतरेल वि० देखिये 'सुतराउ'; सूती (२) संस्कृति; सुधार; सम्यता (३) सुतार पुं० बढ़ई; सुतार . नयी प्रया या रिवाज (४) प्रस्ताव For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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