SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 531
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५२१ पर संशोधन; तरमीम । [-मूकबो% मुरावट स्त्री सुर मिलाना; स्वरमेल प्रस्ताव पर संशोधन रखना.] (२)सुरीली आवाज; सुस्वर सुपी अ० तक; पर्यंत सुरीलं वि० सुरीला; मधुर स्वरवाला सुम्या (०१)अ० साथ;सहित समेत सुद्धा । सुरेख वि० सुडौल ;सुन्दर; गठीला सुनावणी स्त्री० सुनवाई; सुनाई; पेशी। सुरेल वि० मधुर स्वरवाला; सुरीला [-वी, नीकळवी - मुकदमेकी सुन सुलक्षण(-) वि० सुन्दर या शुभ वाई होना.] लक्षणोंवाला; सुलक्षण [करना सुपरत स्त्री० सिपुर्दगी,हवाला (२)वि० सुलटाव, सक्रि० सुलटा करना; सीधा सिपुर्द,सौंपा हुआ।[-करवं सौंपना.] सुलतानी वि० सुलतानका; सुलतानी; सुफिया वि० ऊपर-ऊपरसे सुन्दर शाही (२)स्त्री० सुलतानकी हुकूमत; लगनेवाला; बाहरी सफाईवाला राज्य; सुलतानी (३) [ला.] राजाका सुमार पुं० शुमार; अटकल; अंदाजा स्वेच्छाचार या जुल्म सुमारे अ० अंदाजन; लगभग सुलाल स्त्री० सूराख; छेद सुमेळ पुं० अच्छा मेल; मनका अच्छा सुलेह स्त्री० सुलह; लड़ाई-झगड़ेका मिलन; बनत (२)सुंदर मिलन; उत्तम प्रकारका मिश्रण [दाई अभाव; मेल (२) समझौता; सुलह सुयाणी स्त्री० बच्चा जनानेवाली स्त्री; सुलेहशांति स्त्री० सुलह और अमन सुरत वि० सुर्ख, लाल [[ला.] असर सुवा (-रा)व, स० कि. 'सू' का सुरखी स्त्री० सुर्जी; लाली; सुरखी (२) प्रेरणार्थक; सुलाना सुरता स्त्री० लगन; लौ (२) ध्यान; सुवा पुं० सोआ; सोवा (बीज) होश; सुरत [प.](३)याद; सुध; सुरता सुवाडवू सक्रि० सूर्यु' का प्रेरणार्थक; सुरती वि: सुरत शहरका या उस ओरका सुलाना (२) स्त्री० सुरतकी ओरकी बोली सुवाण स्त्री० देखिये 'सवाण' (३) पुं० सुरतका या उस तरफ़का सुवारोग पुं० जच्चाको होनेवाला एक रहनेवाला।[-लाला- छैला फक्कड़.] रोग; सूतिकारोग सुरमो पुं० सुरमा [पायजामा सुवावर स्त्री० प्रसवकाल और उसके सुरवाल(-3) पुं०;स्त्री० सुरवाल; बादका बीमारीका समय [सौरी सुरंग स्त्री० जमीनमें खोदकर बनाया सुवावरखान न० प्रसवगृह जच्चाखाना; हुआ गुप्त मार्ग; सुरंग (२) बारूदके सुवावरी स्त्री० जच्चा;प्रसूता; सूतिका गोलेकी एक युक्ति या बनावट (दीवार सुबाई अ०क्रि० 'सूर्बु' का भावे ; सोया या चट्टान आदि उड़ानेके लिए); जाना [सौभाग्यवती; सुवासिनी सुरंग। [-कारवी% पहाड़के नीचेसे सुवासन(-पी)स्त्री० सुहागन ; सधवा; खोदकर रास्ता बनाना.] सुवासिणी(-नी स्त्री० देखिये 'सुवासण' सुराई स्त्री० सुराही सुशोभन न० शोभाके लिए की हुई सुरात स्त्री० सूराख; छेद सजावट; सुंदर सजावट . For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy