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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org WAR सबलबाट (-रो) पुं० बकवास लबलीन वि० लवलीन; तल्लीन; मशगूल वपुं अ० क्रि० बड़बड़ाना; बकना लवंग न० लौंग; लवंग सर्वणि वि० लौंगकी शकलका या लौंगके जितना ( २ ) न० कानका एक गहना; लौंग [ पत्रिका आदिका ) समाजमन० चंदा (सदस्यता, पत्रसाद पुं० पंच (२) पंचायतका सदस्य पंच सवाबी वि० पंच-संबंधी ; पंचायती (२) स्त्री० पंचोंका काम; पंचायत सवार ( वा ') पुं० लुहार; लोहार सवारियां (वा') न० ब० व० लोहारका काम करनेवाली खानाबदोश जाति; बाड़िया लोहार पाई न० बकरीका बच्चा कमारो पुं० बकवास; प्रलाप विंग न० देखिये 'लवंग ' (२) लोंगके आकारका ( बंदूक, स्टव आदिका ) मागेका छोटा हिस्सा ; टोपी लागि वि० (२) न० देखिये 'लवंगियु' सम्बूरियं (वु') न०, लबूरो पुं० नाखूनसे की हुई खरोंच ; नखक्षत; नहट्टा सच्चो पुं० जीभका अग्र; जिह्वाग्र कर न० लशकर; सेना; लश्कर (२) भीड़; मजमा; फ़ौज ; उदा० 'आसुं लश्कर लईने न जता' [ला. ] सहकरी वि० लश्करी; सेना-संबंधी ४२४ राज न० लहसुन; लसुन सनियं वि० लहसुनवाला (२) लहसुन जैसा तीखा (मूली आदि ) [ पत्थर ससनियो पुं० लहसुनिया ; एक क़ीमती कसरक सरक अ० मर्राटेसे; तेजीसे सरको पुं० बेगसे सींचना या रगड़ना (२) घिस्सा ; रगड़ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लसोट स० क्रि० घोटना; बाटना लस्सी स्त्री० लस्सी (दूध और पानीकी) लहर ( - रा ) बुं अ० क्रि० लहराना लहाण (ल्) न० लाभ; नफ़ा लहाणी (ल्) स्त्री० खुशीके अवसर पर नेग बाँटना CMT; लहाणुं (ल्) न० शुभाशुभ अवसरों पर बिरादरीवालों और नेगियोंको दिया जानेवाला उपहार कातिब; लहाव (-यो) (ल्) पुं० आनंदका सुख लेना (२) अरमान; चाव लहियो पुं० लिखनेवाला; लहे (ल्हे) स्त्री० लगन; लो; धुन लहेक (लहॅ) अ० क्रि० लहकना; चौक खाना ( २ ) अंग-भंगके साथ बा बोलना आदि; झूमना (३) लहाना लहेको (ल्हे) पुं० हाव-भाव ; अंग-भंगी; अदा (२) ऊंचे स्वरमें या गला फाड़कर बोलना; लहजा लहेजत (ल्हॅ) स्त्री० मज़ा; आनंद; लज्जत (२) लज्जत; स्वाद; मजा लहेजतदार (ल्हॅ) वि० लज्जतदार; स्वादु; जायकेदार For Private and Personal Use Only लहेर (ल्हें) स्त्री० ( पानीकी) लहर तरंग (हवाका ) झोंका; (मनकी) मौज; लहर ( २ ) नींद या नशेके असरका अनुभव करना; लहर (३) सुख-चैन; ऐश (४) आनंद; चैन; मजा । [ - उढावबी, करवी, मारवी = मोज मारना; मजा लूटना । -पडवी = मज़ा आना.] [ लहराना सहेरं (ल्हें) अ० क्रि० तरंगें उठना; लहेरी (ल्हॅ) वि० आनंदी (२) तरंगी
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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