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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लपलपाट ४२३ बलपसे; त्वरासे (३) घाव मादिमें लबडवं अ० कि० देखिये 'लटकवू' लहर मारते हुए लबदावं अ०क्रि० तरल पदार्थसे सनना; लपलपाट पुं०;स्त्री० बकवास, बकवक लथपथ होना (२) फंसना; उलझना (२)उतावली; जल्दबाजी लबलब अ० 'लब-लब' आवाज़ करते लपलपियं वि० जल्दबाज़; हड़बड़िया हुए; चभड़-चभड़ (२)लपसे; गटगट लपस वि० फिसलनवाला; रपटीला (३) थरथर . .. (२)न० फिसलन (जगह) लबाचो पुं० मैले, फटे-पुराने कपड़ोंका. लपस, अ० क्रि० फिसलना; सरकना ढेर; लुगरा (२) घरके टूटे-फूटे माल (२) पतन होना; गिरना; फिसलना असबाबका र (३) काठकबाड़; घरकी लपा, अ० क्रि० दबकना; छिपना(२) रही चीजें तंग जगहमें सटकर बैठ जाना लबार(-डी) वि. लबार; लबाड़ लपेटवू स० क्रि० लपेटना (२)फंसाना; लबासी स्त्री० लबारी; झूठा; लबाड़ी लपेटना [ला.] चुपड़ना लबुटा, लालबु, लबूफलबूक अ०. परलपेरई स० क्रि० लेपना; गीली चीज थर; धकधक (कलेजा) सापेगे पुं० गाढ़ा लेप लमणा(-णा)मीक स्त्री० मायापली सप्पट वि० सख्त चिपका हुआ, लिपटा लमj न०,(-जो) पुं० कनपटी: * हुआ; लपटोओं . लयानत स्त्री० शर्म; साज (२)लानता लप्पर स्त्री० लप्पड; तमाचा धिक्कार स्वरमें गाया हुआ गान लप्पनछप्पन स्त्री०;न० पचड़ा; झंझट; ललकार पुं० अलापना; तान (२)ऊंचे प्रपंच; जंजाल (२) ज़रूरतसे ज्यादा ललकार, स० क्रि० अलापना; "तान अक्ल बघारना; शेखी लगाना (२) हाँक लगाना (३) टिटलप्पो पुं० कलाबतूका गोल लपेटा हुआ कारना (४) ललकारना; लड़नेकी फ़ीता; ठप्पा (२) मोटा, बेढंगा पैवंद चुनौती देना [णार्थक; ललचाना लफर(-र)फफड(-र) अ० झूलता ललचाबस० कि० ललचावु' का प्रेर हो इस तरह ढीला-ढाला; अव्यवस्थित ललचा अ० क्रि० ललचना; लालपमें लफर्क न० रेटका लोंदा या रेट (२) पड़ना (२)लुभाना;मोहित होना(३) किसी वस्तु, व्यक्ति या कार्यके संबंधसे लालसा करना; ललचना होनेवाला नुकसान; आफ़त; बला। लव वि० थोड़ा(२)पुं० अंश; लव (३) [-वळगq = बला पीछे लगना; पीड़ा निमेषका छठा भाग (४) तबलेका लगना. किनारवाला हिस्सा(५)बकबक , लफर्नु वि. धूतं; दगाबाज़ (२) लफंगा; लवचीक वि० लचीला; लचकीला व्यभिचारी (३) बेशरम ; निर्लज्ज लवरी स्त्री० बकवास; प्रलाप लबक लबक अ० देखिये 'लपक लपक' । लवलव स्त्री० बड़बड़; व्यर्थ बकना लक्लारो पुं० देखिये 'लपकारो' (२) अ० व्यर्थ बकबक (करना) लसी पुं० देखिये "लपको' लवलव अ० कि० बड़बड़ाना; बकना For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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