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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org नामचीन लेबुं = ( किसीका) नाम लेकर कहना ; पुकारना; बुलाना (२) [ला. ] चुनौती देना; परेशान करना; सताना; रूबरू कहना या कुछ करना; नाम लेना । -बोळबुं = नाम डुबाना । —मूक = नाम न लेना । नामे चडावकुं = ( को ) हक़दार बनाना; दस्ताबेज या क़रारमें उसका नाम लिखवाना; ( किसीके ) नाम पर किसीके नाम । नामे मांडवु, नामे लखवं = बहीमें ( किसीके ) नाम रक़म लिखना; के पास इतने रुपये हैं यह लिखना ; नामे लिखना. ] नामचीन नामजादुं वि० नामी ; प्रसिद्ध नामजोग (जी) वि० अंदर जिसका नाम लिखा हो उसे ही मिले ऐसा (हुंडी ) नामठाम न० नाम और पता ; सिरनामा नामदार वि० नामदार; नामवर ( २ ) माननीय [ धातु; नामधातु [व्या.] नामधातु पुं० संज्ञापदसे बनायी हुई नामधारक, नामधारी वि० नाम धारण करनेवाला; नामधारी; नामधारक (२) नामधारी; झूठा; ढोंगी नामना स्त्री० नाम; कीर्ति; नामवरी नामनिशान न० नामनिशान; नामोनिशान ; 1 नामनुं वि० नामक; नामका (२) कहनेभरको नाममात्र ; नामधारी नाममात्र वि० कहनेभरको नाममात्र नामयोगी वि० संबंधसूचक (अव्यय) [व्या. ] [ होना नामरजी स्त्री० अनिच्छा; मरज़ी न नामराशि वि० एक नामका ; एक राशिके नामवाला नामर्द वि० नामर्द; डरपोक नामवई, नामर्दी स्त्री० नामर्दी ; भीरुता २७७ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बाल नामबुं स०क्रि० झुकाना; नवाना [ प . ] (२) उड़ेलना; गिराना (३) अ० क्रि० मुड़ना; की ओर जाना नामंजूर वि० नामंजूर; अस्वीकृत नामांकित वि० प्रख्यात; नामी-गिरामी नामी (०धुं) वि० नामी ( २ ) सुन्दर नामुं न० जमा-खर्चका हिसाब; हिसाबकिताब; लेखा (२) हक़; लाग (३) वर्णन; गाथा; उदा० शाहनामुं । [-कर = ( - के यहाँसे) उधार लाना, लेना | चाल = ( - के यहाँसे) उधार माल लानेका व्यवहार होनां.] नामे अ० के नाम; के खाते नामोशी स्त्री० बेइज्जती; लोडन; नामुसी [ जातिका आदमी नायको पुं० सुरत जिलेकी आदिवासी नाडी स्त्री० ( पहियोंकी) नामि; चक्रनामि ; पिंडी ( २ ) नारी; नाषा नारंगी वि० नारंगीके रंगका; नारंगी (२) स्त्री० नारंगी ( फल और पेड़) नाराज वि० माराज; रंजीदा ; नाखुश नाराजगी, नाराजी स्त्री० नाराजी; नाखुशी नारियेळ न० नारियल; श्रीफल नारियेळी स्त्री० नारियलका पेड़; नारियल [ मा; नारियल पूर्णिमा नारियेळी पूर्णिमा स्त्री० श्रावणी पूर्णि नारीजाति स्त्री० स्त्रीजाति (२) स्त्रीलिंग [ व्या. ] मारु पुं० नाई, बारी, बढ़ई आदि लोग; पौनी; नेगी- जोगी (२) पौनीका लाग या नेग नादं (ना' ) न० पके हुए जरूममें बना हुआ गहरा छिद्र ( २ ) नहरुआ ; नारू नाल स्त्री० नाल (कमल आदिकी डंडी) For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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